नई दिल्लीः कहा जाता है कि प्रतिभा कहीं छिपी नहीं रहती...अवसर मिलने पर प्रतिभा निखर जाती है और ऐसा मुकाम हासिल करती है कि पूरी दुनिया देखती है. ऐसी ही काबिलियत के धनी देशलदान ने यूपीएससी की सिविल सर्विसेज परीक्षा में 82वीं रैंक हासिल की है. चाय बेचने वाले अपने पिता के सपनों को साकार करते हुए देशलदान ने मुश्किल हालातों से लड़ते हुए ये मुकाम हासिल किया है. इससे पहले उनका सलेक्शन आइएफएस में भी हो चुका है.
पिता चलाते हैं चाय की दुकान
देशलदान के 82वीं रैंक हासिल करने की खबर मिलते ही उसके जैसलमेर स्थित पैतृक घर में खुशी की लहर छाई हुई है और लगातार बधाई देने वालों का दौर जारी है. जैसलमेर के स्वर्णनगरी के चूंगी नाका चौराहे पर चाय की दुकान चलाने वाले कुशलदान ने कड़ी मेहनत करके अपने बेटे देशलदान की परवरिश की. बचपन से ही देशलदान पढ़ाई में अव्वल थे और उसके पिता ने भी हर मौके पर अपने बेटे का साथ दिया. चाय की स्टॉल लगाने वाले पिता को विश्वास था कि बेटा उनका नाम रोशन करेगा.
शिक्षा को लेकर पिता कुशलदान ने अपने बेटे देशलदान की हर क्षेत्र में मदद की. वहीं आज उनके बेटे ने भी उनकी उम्मीदों पर खरा उतरते हुए पिता का नाम रोशन किया है. देशलदान की पढ़ाई के दौरान उनके पिता ने ब्याज पर पैसे लेकर भी उनकी शिक्षा को लगातार जारी रखा. देशलदान के सिविल सर्विसेज़ में चयन की खबर मिलने के साथ ही परिवार में उत्सव सा माहौल है.