नई दिल्ली: यूनियन पब्लिक सर्विस कमीशन (यूपीएससी) ने पहली बार कैंडिडेट को एग्जामिनेशन एप्लिकेशन फॉर्म वापस लेने की इजाजत दे दी है. UPSC के मुताबिक हर साल करीब दस लाख एप्लीकेंट्स में से आधे एप्लीकेंट्स ही एग्जाम देते हैं. इसलिए UPSC ने सोमवार को इस बात की घोषणा की है कि कैंडिडेट को एग्जामिनेशन एप्लिकेशन फॉर्म वापस लेने दिया जाएगा.


2019 सर्विस एग्जामिनेशन से होगा लागू 


कमीशन का यह नया नियम साल 2019 में होने जा रहे इंजीनियरिंग सर्विस एग्जामिनेशन से लागू होगा. यूनियन पब्लिक सर्विस कमीशन के चैयरमेन अरविंद सक्सेना ने कहा कि कमीशन ने पाया है कि सिविल सर्विस एग्जामिनेशन के लिए अप्लाई करने वाले एप्लिकेंट्स में से लगभग 50 फीसदी कैंडिडेट्स ही प्रीलिमिनरी एग्जाम (लिखित परीक्षा) देते हैं.


बता दें कि यूपीएससी सालाना सिविल सर्विसेस तीन लेवल पर एग्जामिनेशन लेता है. पहला-प्रीलिमीलनरी, दूसरा मेन और तीसरा इंटरव्यू. इन तीनों एग्जामिनेश प्रोसेस में सेलेक्ट हुए कैंडिडेट आईएएस, आईपीएस और आईएफएस जैसे महत्वपूर्ण पदों के लिए चुने जाते हैं.


पैसे और मेहनत की होती है बर्बादी


यूपीएससी के 92वें फॉउनडेशन डे के मौके पर कमीशन के चैयरमेन ने कहा, "हम 10 लाख स्टूडेंट्स के हिसाब से जगह, प्रश्न पत्र, एग्जामिनर और सीलिप्स तैयार करते हैं. लेकिन इनमें से कतरीबन 5 लाख कैंडिडेट्स ही एग्जामिनेशन सेंटर तक पहुंच पाते हैं. ऐसे में कमीशन की ओर से की गई तैयारियों पर काफी पैसा और मेहनत सब बेकार जाती है". उन्होंने कहा, कमीशन इस बात पर ध्यान देगा की सीरियस कैंडिडेट्स को बेहतर सुविधा दी जाए.


टाइम पासवर्ड के जरिए अप्लिकेंट ले सकेंगे फार्म वापस


यूपीएससी का कहना है कि नया नियम इंजिनयरिंग सर्विस एग्जामिनेशन 2019 से शुरू किया जाएगा. वहीं कैंडिडेट्स को इस सुविधा का लाभ लेने के लिए एप्लिकेशन डीटेल देनी होगी. जिसके बाद वन टाइम पासवर्ड अप्लिकेंट को मेल और मैसेज पर भेजा जाएगा. कमीशन ने बताया कि अगर एक बार कैंसल करवाने के बाद इसे वापस नहीं लिया जाएगा.


एप्लिकेंट के लिए तनाव को कम करने के उद्देश्य से यूपीएससी ने ऑनलाइन एग्जाम और पेमेंट की संख्या बढ़ाई गई है. कमीशन के चैयरमेन सक्सेना ने कहा कि यूपीएससी एग्जाम को 'पेन और पेपर' मोड से कंप्यूटर-आधारित मोड में ट्रांफर होने के साथ आगे बढ़ रहा है.