NDA Alliance Partner Against Lateral Entry: यूपीएससी की ओर से केंद्र में रिक्त संयुक्त सचिव, निदेशक व उपसचिव के 45 पदों पर सीधी भर्ती  (Lateral Entry)  निकालने के बाद से शुरू हुआ विवाद खत्म होता नहीं दिख रहा है. अभी तक जहां विपक्षी दल इस मुद्दे पर सरकार पर हमला बोल रहे थे, तो वहीं अब इसे लेकर एनडीए में भी विरोध के सुर उठने लगे हैं.


लोक जनशक्ति पार्टी (राम विलास) ने इस मुद्दे पर कहा है कि पार्टी लेटरल एंट्री से भर्ती के पक्ष में नहीं है. चिराग पासवान ने मीडिया से बातचीत में कहा कि यह फैसला बहुत गलत है. जहां भी नियुक्तियां होती हैं, वहां आरक्षण के प्रावधानों का पालन करना चाहिए. वह इस मामले को सरकार के सामने उठाएंगे.


जेडीयू में भी उठे विरोध के सुर


इस मुद्दे को लेकर एनडीए की सहयोगी जेडीयू में भी विरोध के सुर उठने लगे हैं. जेडीयू के वरिष्ठ नेता केसी त्यागी का कहना है कि हमारी पार्टी शुरू से ही सरकार से आरक्षित सीटों को भरने की बात कहती आई है. हम राम मनोहर लोहिया को मानते हैं. जब लोगों को सदियों से समाज में पिछड़ेपन का सामना करना पड़ा तो आप मेरिट क्यों ढूंढ रहे हैं? सरकार ऐसे फैसलों के जरिए विपक्ष को मुद्दा दे रही है.


कांग्रेस की तरफ से लगातार हो रहा विरोध


इस मुद्दे पर कांग्रेस की तरफ से सबसे ज्यादा विरोध हो रहा है. कांग्रेस के सांसद और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने रविवार (18 अगस्त 2024) को सबसे पहले इस मुद्दे पर नरेंद्र मोदी सरकार को घेरा था. राहुल गांधी ने कहा था कि बीजेपी आरएसएस के लोगों को भर्ती करना चाहती है. इसके एक बाद ही मल्लिकार्जुन खरगे ने सोमवार (19 अगस्त 2024) को मल्लिकार्जुन खरगे ने भी इस भर्ती को लेकर सरकार पर हमला बोला था.


सरकार को मिला टीडीपी का सपोर्ट


लेटरल एंट्री को लेकर हो रहे तामम विरोध के बीच एनडीए की सहयोगी टीडीपी ने मोदी सरकार का समर्थन किया है. टीडीपी महासचिव नारा लोकेश ने कहा,"हमें लेटरल एंट्री को लेकर खुशी है क्योंकि कई मंत्रालयों को विशेषज्ञों की जरूरत है. हम हमेशा प्राइवेट सेक्टर से जानकारों को शामिल करने का समर्थन करते हैं."


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