(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
UPSC Mains Exam: UPSC सिविल सर्विसेज मुख्य परीक्षा को लेकर याचिका पर Delhi High Court में सुनवाई, परीक्षा टालने की मांग
UPSC Mains Exam: दिल्ली हाईकोर्ट में डाली गई याचिका में कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए यूपीएससी मुख्य परीक्षा को टालने की मांग की गई है. UPSC मेन्स की परीक्षा 7 जनवरी, 2022 से शुरू होने वाली है.
UPSC Mains Exam: UPSC सिविल सर्विसेज मुख्य परीक्षा को टालने की मांग वाली याचिका पर दिल्ली हाईकोर्ट (Delhi High Court) में आज सुनवाई है. याचिका में कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए 7 जनवरी से शुरू होने वाली मुख्य परीक्षा को टालने की मांग की गई है. UPSC मेन्स की परीक्षा 7 जनवरी, 2022 से शुरू होने वाली है. लेकिन कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों को देखते हुए यूपीएससी मुख्य परीक्षा (UPSC Mains Exam) देने वाले उम्मीदवारों ने परीक्षा को स्थगित करने की सरकार से मांग की है. उम्मीदवारों का कहना है कि कोरोना से स्थिति काफी खराब है और ऐसी स्थिति में एग्जाम सेंटर पर जाना और परीक्षा देने काफी मुश्किल है.
यूपीएससी मेंस परीक्षा टालने की मांग
कोरोना संक्रमण के बढ़ते खतरे को देखते हुए सोशल मीडिया पर परीक्षार्थी लगातार परीक्षा को फिलहाल स्थगित करने की मांग कर रहे हैं. उम्मीदवारों का मानना है कि परीक्षा के लिए उन्हें दूसरे शहरों में जाना पड़ता है ऐसे में ट्रांसपोर्ट की सुविधा न मिलने से परीक्षा में कई परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है. याचिकाकर्ताओं का कहना है कि UPSC Mains Exam के ज्यादातर सेंटर मेट्रो शहरों में हैं जो काफी घनी आबादी वाले हैं जिसकी वजह से कोरोना संक्रमण का खतरा काफी अधिक है.
कोरोना के चलते परीक्षा टालने की मांग
UPSC Mains 2021 को स्थगित करने के मामले की सुनवाई न्यायमूर्ति वी कामेश्वर राव करेंगे. यूपीएससी सिविल सेवा प्रीलिम्स 2021 को पास करने वाले और अब मेन्स परीक्षा की तैयारी में जुटे उम्मीदवारों ने दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका दायर की है. यूपीएससी ने एक अंतरिम नोटिस जारी किया था, जिसमें कहा गया था कि परीक्षा स्थगित नहीं की जाएगी. बता दें कि UPSC मेन्स 7, 8, 9, 15 और 16 जनवरी को होने वाले हैं. याचिकाकर्ताओं ने तर्क दिया है कि देश में तेजी से COVID संक्रमण फैल रहा है और तीसरी लहर की आशंका है. ऐसे में ऑफ़लाइन परीक्षा में बैठने और संक्रमण के जोखिम को लेकर ये आदर्श समय नहीं है. याचिकाकर्ताओं का कहना है कि इस वक्त परीक्षा लेना उनके करियर और जीवन को भी खतरे में डालने जैसा हो सकता है.