UPSC Prelims 2023: सिविल सेवा प्रारंभिक परीक्षा 2023 पर कई सांसदों ने सवाल उठाए हैं. जानकारी के मुताबिक, इन सांसदों ने अपना विरोध जताने के लिए यूपीएससी को चिट्ठी लिखी है. जानकारी के अनुसार, प्रीलिम्स में सिविल सर्विसेज ऐप्टिट्यूड टेस्ट (CSAT) के पेपर पर सवाल खड़े किए गए हैं.
सांसदों मे आरोप लगाया है कि CSAT पेपर-2 में पैटर्न से बाहर के सवाल पूछे गए थे. इसकी जानकारी प्रतियोगी छात्रों ने की थी, जिनकी शिकायत पर सांसदों ने UPSC को चिट्ठी लिखी. सांसदों की ओर से आरोप लगाया जा रहा है कि 100 में से 47 सवाल पैटर्न से बाहर के थे. सिविल सेवा प्रारंभिक परीक्षा 28 मई 2023 को हुई थी.
पीएम मोदी को भी लिखी चिट्ठी
सांसदों ने मांग की है कि अनियमितता की वजह से परीक्षा के पासिंग मार्क्स घटाए जाएं. यूपीएससी से पासिंग मार्क्स 33% की जगह घटाकर 23% करने की मांग की गई है. वहीं, स्टूडेंट्स की इन शिकायतों को लेकर असम की बारपेटा लोकसभा सीट से सांसद अब्दुल खालिक ने इन सभी शिकायतों को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक चिट्ठी लिखी है. इसमें ये भी कहा है कि पेपर में रीडिंग कॉम्प्रिहेंशन पैसेज को हिंदी में ट्रांसलेट करने पर पैराग्राफ के मायने स्पष्ट नहीं था, जिससे हिंदी मीडियम के स्टूडेंट्स को नुकसान पहुंचा है.
स्टूडेंट्स ने भी उठाए सवाल
इसके अलावा, परीक्षा में बदलाव और अनियमितता की शिकायतों को लेकर कई स्टूडेंट्स ने सवाल उठाया है. एग्जाम देने वाले कई स्टूडेंट्स का कहना है कि नए पैटर्न से चयन प्रक्रिया की निष्पक्षता पर चिंताएं बढ़ गई हैं.
उनकी शिकायत है कि प्रीलिम्स में सिविल सर्विसेज ऐप्टिट्यूड टेस्ट (CSAT) में सिलेबस से बाहर के सवाल पूछे गए. खासतौर पर मैथ्स के, जनरल स्टडीज में बड़ी तादाद में ऐसे सवाल थे जो स्टूडेंट्स के ज्ञान के अलावा उन्हें किस्मत के भरोसे छोड़ते हैं. इसे लेकर एक याचिका भी दिल्ली हाई कोर्ट में भी दी गई है.
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