UPSC रिजल्ट : जौनपुर के सूरज ने पिता की हत्या के बाद देखा सिविल सर्विसेज का सपना
देश के सबसे बड़े एग्जाम सिविल सर्विसेज 2017 के नतीजे आ गए हैं. इन नतीजों के साथ ही कई युवाओं की इंस्पायर करने वाली कहानियां सामने आ रही है.
नई दिल्ली: देश के सबसे बड़े एग्जाम सिविल सर्विसेज 2017 के नतीजे आ गए हैं. इन नतीजों के साथ ही कई युवाओं की इंस्पायर करने वाली कहानियां सामने आ रही हैं. इसी क्रम में एक ऐसी कहानी सामने आई है जो देश के युवाओं के सामने एक मिसाल पेश करती है. ये बताती है कि आखिर कैसे बुरी से बुरी परिस्थितियों में भी हम सही राह चुनें तो सफलता का परचम लहरा सकते हैं.
सूरज कुमार की दिल जीतने वाली कहानी उत्तर प्रदेश के जौनपुर में रहने वाले 26 साल के सूरज कुमार ने इस साल यूपीएससी की सिविल सेवा परीक्षा में 117वीं रैंक हासिल की है. सूरज का यह तीसरा अटेंप्ट था. इससे पहले दो बार सूरज को इस परीक्षा में सफलता नहीं मिली पर इस बार उनकी मेहनत रंग लाई है. सूरज को अब आईएस या आईपीएस का पद मिलेगा. लेकिन उनका ये सफर बेहद कठिन रहा.
साल 2009 में सूरज ने इलाहाबाद में इंजीनियरिंग संस्थान में दाखिला लिया. इसके एक महीने के भीतर ही सूरज के पिता की हत्या कर दी गई. ये मामला पुलिस तक पहुंचा लेकिन पुलिस से अपेक्षित सहयोग नहीं मिला. इस घटना ने सूरज को अंदर तक हिला दिया और उन्होंने बदला लेने की ठानी लेकिन बदले का अंदाज बेहद खूबसूरत और इंस्पायर करने वाला है. सूरज ने मन में आईएएस/आईपीएस की ठानी ताकि आगे वो ऐसे लोगों के लिए प्रशासन का हिस्सा बनकर अपेक्षित कदम उठा सकें.
तीसरी कोशिश में सपना हुआ पूरा साल 2013 में इंजीनियरिंग की पढ़ाई पूरी करने के बाद सिविल सर्विसेज की तैयारी के लिए साल 2014 में सूरज ने कोचिंग में एडमिशन लिया. 2015 में पहली बार सिविल सर्विसेज का इम्तिहान दिया लेकिन प्रीलिम्स तक क्लियर नहीं कर पाए. इसके बाद 2016 में एक बार फिर इम्तिहान दिया और इस बार प्रीलिम्स तो क्लियर हुआ लेकिन मेंस में सेलेक्शन नहीं हो पाया. इन नतीजों ने सूरज को कमजोर नहीं बल्कि अगले अटैम्पट के लिए और भी प्रोत्साहित किया.
2017 में एक बार फिर से सूरज ने सिविल सर्विसेज का इम्तिहान दिया और इस बार प्रीलिम्स भी क्लियर हुआ और मेंस भी और सूरज की रैंक 117 वीं रही. फिलहाल सूरज अपनी इस रैंक से खुश है उनका कहना है कि उनका मकसद इस सिविल सर्विसेस में आकर लोगों की मदद करना और जनहित के काम करना हो और वह इसके जरिए पूरा हो पाएगा.