उत्तर प्रदेश अधीनस्थ सेवा चयन आयोग की डेढ़ दर्जन भर्तियां सालों से लंबित हैं. भर्तियां शुरू होने के इंतजार में अभ्यर्थी ओवरएज हो रहे हैं. अभ्यर्थियों ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर मांग की है कि सभी भर्तियां 90 दिनों में पूरी कराई जाएं. अभ्यर्थियों ने आयोग के अध्यक्ष और सदस्यों को बर्खास्त करने की भी मांग रखी है.
यूपीएसएसएससी की 2015 की भर्तियों समेत लगभग 18 भर्ती परिक्षाएं लंबित हैं. इन सभी भर्तियों से लगभग 30 हजार पदों पर चयन होना है. लंबे समय से लंबित पड़ी इन भर्तियों को लेकर आयोग की गंभीरता पर सवाल उठना शुरू हो गए हैं.
प्रतियोगी छात्र संघर्ष समिति के मीडिया प्रभारी प्रशांत पांडेय ने मीडिया को ये बताया कि अधीनस्थ सेवा चयन आयोग किसी भी तरह छात्रों के हित के बारे में नहीं सोच रहा है, ये पूरी तरह से सरकार की मंशा के प्रतिकूल है.
लंबित भर्तियों पर एक नजर
संयुक्त तकनीकी सहायक 2015, जूनियर इंजीनियर 2016, सहायक सांख्यकीय अधिकारी 2016, लेखपाल भर्ती, मंडी परिषद भर्ती, जूनियर असिस्टेंट भर्ती, वन रक्षक भर्ती, वन दरोगा भर्ती, ग्राम विकास अधिकारी 2018 भर्ती नर्सिंग ऑफिसर भर्ती, सेविका भर्ती, आईटीआई प्रशिक्षक भर्ती, सहायक सांख्यिकी अधिकारी 2018, बोरिंग टेक्नीशियन, एक्स-रे सहायक, प्रयोगशाला सहायक भर्ती, वास्तुविद भर्ती शामिल हैं.
पीईटी के तहत भी नहीं हुई कोई भर्ती
उत्तर प्रदेश अधीनस्थ सेवा चयन आयोग ने प्रारंभिक आर्हता परीक्षा (पीईटी) का आयोजन तो किया, लेकिन अभी तक इस परीक्षा में शामिल होने वाले एक भी अभयर्थी को भर्ती में शामिल होने का मौका नहीं दिया है.
प्रतियोगी छात्र संघर्ष समिति के मीडिया प्रभारी प्रशांत पांडेय ने मीडिया को ये बताया गया कि प्रतियोगी परीक्षा के नाम पर लाखों छात्रों को धोखा दिया जा रहा है, और उनके भविष्य के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है.
आयोग इन पदों पर भर्ती के लिए क्या कर रहा है
उत्तर प्रदेश अधीनस्थ सेवा चयन आयोग ने साल की शुरुआत में ही 2015 से लंबित भर्तियों को पूरा कराने की कवायद तेज करने की बात कही थी. हांलाकि अभी तक इस दिशा में कोई ठोस नतीजे देखने को नहीं मिले हैं.
आयोग को अलग-अलग विभागों से कनिष्ठ सहायक, ग्राम्य विकास अधिकारी, ग्राम पंचायत अधिकारी और कृषि प्राविधिक भर्ती के लिए बीते साल ही अधियाचन मिला था.
भर्ती में हो रही देरी को लेकर दो महीने पहले ही आयोग ने ये कहा था कि अधियाचनों का परीक्षण कराने के बाद कुछ तकनीकी अड़चने पेश आई हैं. इसकी वजह से आगे कोई काम नहीं किया जा सका है. आयोग ने इसपर शासन मदद भी मांगी थी.
उस दौरान आयोग ने ये भी कहा था कि 2015 से लंबित भर्ती परीक्षाओं के परिणाम भी जारी करने की कवायद तेज कर दी गई है. ये बताया गया था कि मई-जून तक 2022 तक आयोजित सभी भर्ती परीक्षाओं का परिणाम जारी कर दिए जाने की उम्मीद है.
आयोग की तरफ से ये साफ कहा गया था कि मई जून तक 14 हजार से ज्यादा पदों पर भर्ती प्रक्रिया शुरू होगी. इनमें कनिष्ठ सहायक के 5000, कृषि प्राविधिक के 3500, गन्ना पर्यवेक्षक के 951, ग्राम्य विकास अधिकारी के 2100, ग्राम पंचायत अधिकारी के 2500 पदों पर भर्ती के लिए जल्द ही आवेदन मांगें जाएंगे.
ये भी बताया गया था कि पीईटी-2022 में उत्तीर्ण अभ्यर्थी इन भर्ती परीक्षाओं के लिए आवेदन कर सकेंगे.
12709 पदों के भर्ती परिणाम मार्च-अप्रैल तक जारी होने का दावा कितना सच निकला
उत्तर प्रदेश अधीनस्थ सेवा चयन आयोग ने साल की शुरुआत में मार्च- अप्रैल तक 2015 से लंबित 12709 पदों की भर्तियों के परिणाम जारी करने की बात भी कही थी. लेकिन अब ये दावा भी खोखला साबित हो चुका है.
एक नजर भर्ती परीक्षाओं पर
- जेई के 489 पदों पर 21 जनवरी 2021 को भर्ती परीक्षा हुई थी
- जेई के 1477 पदों के लिए 16 अप्रैल 2022 को भर्ती परीक्षा हुई थी.
- मंडी परिषद में एएसओ के 904 पदों के लिए 22 मई 2022 परीक्षा हुई थी .
- सहायक बोरिंग टेक्निशियन के 486 पदों पर 3 जुलाई को परीक्षा हुई थी.
- वन्य जीव रक्षक के 655 पदों पर 31 जुलाई 2022 को परीक्षाहुई थी.
- लेखपाल के 8085 पदों पर भर्ती के लिए 31 जुलाई का लिखित परीक्षा हुई थी.
5172 पदों की भर्ती परीक्षा पर 16 लाख अभ्यर्थियों को भर्ती का इंतजार
2016 से लंबित समाज कल्याण विभाग में ग्राम्य विकास अधिकारी के 1953 पदों, कनिष्ठ सहायक के 2224 पदों, वन दरोगा के 701 पदों पर भर्ती के लिए भी अप्रैल के बाद लिखित परीक्षा कराने की बात कही गई गई थी.
तीनों भर्ती परीक्षाओं के लिए करीब 16 लाख से ज्यादा अभ्यर्थियों को भर्ती का इंतजार है.अभी तक इसे लेकर कोई सूचना भी जारी नहीं कराई गई है.
वहीं सम्मिलित तकनीकी सेवा के 294 पदों पर 2016 से लंबित परीक्षा का भी आयोजन कराने की भी बात थी, लेकिन इसे भी लेकर कोई सूचना जारी नहीं की गई है.
पर्चा लीक को लेकर भी चर्चा में आ चुका है यूपीएसएसएससी
साल 2021 में यूपीएसएसएससी की तरफ से आयोजित कराई गई प्रारंभिक अर्हता परीक्षा के पेपर लीक होने की खबर सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हुई थी. इन संदेशों के वायरल होने के बाद पुलिस, प्रशासन से लेकर यूपी अधीनस्थ सेवा चयन आयोग भी तुरंत हरकत में आ गया.
हांलाकि यह दावा बाद में महज एक अफवाह साबित हुआ. उत्तर प्रदेश अधीनस्थ सेवा चयन आयोग ने पर्चा लीक होने के वायरल दावे को खारिज कर दिया था. इस परीक्षा में 20,73,540 उम्मीदवार शामिल हुए थे.
हाल ही में यूपीएसएसएससी परीक्षा सॉल्वर गिरोह का हुआ था पर्दाफाश
पिछले महीने क्राइम ब्रांच और हनुमंत विहार पुलिस ने संयुक्त कार्रवाई में यूपीएसएसएससी परीक्षा में एक परीक्षा सॉल्वर गिरोह का पर्दाफाश किया था. कॉलेज के तीन सॉल्वर, चार परीक्षार्थियों और एक सहायक प्रबंधक को गिरफ्तार किया गया था. उनसे तीन लाख रुपये की नकल और नकदी की सामग्री भी बरामद की गई थी.
इसके अलावा चार परीक्षार्थियों लखनऊ निवासी सुजीत यादव और विजय प्रताप सिंह, मानस नगर (हरदोई संडीला) निवासी संदीप कुमार और प्रयागराज निवासी अमर सिंह यादव को गिरफ्तार किया गया था.
इन सबी पर धोखाधड़ी, साजिश और परीक्षा अधिनियम अधिनियम की धाराओं के तहत प्राथमिकी दर्ज कराने के बाद जेल भेज दिया गया था. आरोपियों के पास से नौ मोबाइल फोन, दो वाहन, ओएमआर शीट की फोटोकॉपी भी बरामद की गई थी.
यूपीएसएसएससी क्या है
यूपीएसएसएससी एक सरकारी अधिकृत निकाय है जो उत्तर प्रदेश में सिविल सेवा परीक्षा आयोजित करता है. यूपीएसएसएससी राज्य संगठन अधिकृत है जो सीविल सर्विस की ग्रुप सी और ग्रुप डी के नॉन-टेक्निकल पोस्ट के लिए परीक्षा का आयोजन करती है.
यूपीएसएसएससी उत्तर प्रदेश राज्य के उत्तर प्रदेश अधीनस्थ सेवा चयन आयोग 2014 (UP Subordinate Services Selection Commission Act 2014) के अंदर आता है.
UPSSSC इन परीक्षाओं को कंडक्ट कराती है
- सहायक लेखाकार और लेखा परीक्षक
- सहायक सांख्यिकी अधिकारी
- बोरिंग तकनीशियन
- बोरिंग तकनीशियन
- गन्ना पर्यवेक्षक
- क्लर्क
- कंप्यूटर ऑपरेटर
- कंडक्टर परीक्षा
- चालक
- फायर गार्ड
- वन रक्षक
- कनिष्ठ सहायक परीक्षा- शीर्ष श्रेणी
- कनीय अभियंता
- लेखपाल
- निचली अधीनस्थ सेवाएं
- फार्मेसिस्ट
- राजस्व निरीक्षक
- राजस्व निरीक्षक परीक्षा
- आशुलिपिक परीक्षा
- टायर इंस्पेक्टर/विदुतकर/मैकेनिक परीक्षा
- ट्यूबवेल ऑपरेटर
- यूडीए/एलडीए
- वीडीओ
- वाइल्ड लाइफ गार्ड