Urban Development: केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल खट्टर ने हाल ही में कहा कि देश की कुल आबादी का 35 प्रतिशत हिस्सा, अब शहरों में रह रहा है और 2047 तक ये संख्या बढ़कर 50 प्रतिशत हो सकती है. इस बढ़ती शहरी आबादी को ध्यान में रखते हुए राष्ट्रीय शहरी विकास संस्थान (NIUA) ने "कैपेसिटी फॉर चेंज" कार्यक्रम की शुरुआत की है. इस कार्यक्रम का उद्देश्य शहरी विकास के क्षेत्र में लाखों अधिकारियों और कर्मचारियों को प्रशिक्षित करना है ताकि शहरों का विकास समग्र और प्रभावी तरीके से किया जा सके.
जानकारी के अनुसार शहरी विकास के इस कार्यक्रम में पुराने शहरों के पुनर्विकास, मौजूदा शहरों के विस्तार और नए शहरों के विकास पर विशेष ध्यान दिया जाएगा. इसके अंतर्गत अधिकारियों और कर्मचारियों को आधुनिक शहरी योजनाओं, इंफ्रास्ट्रक्चर सुधार, पर्यावरण संरक्षण और जनसंख्या बढ़ोतरी के साथ सामंजस्य स्थापित करने के लिए जरूरी ट्रेनिंग दी जाएगी. ये कार्यक्रम शहरों को और ज्यादा विकसित और रहने योग्य बनाने में मदद करेगा.
शहरी विकास में बदलाव लाने के लिए नई योजना शुरू
इस कार्यक्रम का उद्देश्य शहरी विकास के क्षेत्र में एक बड़ा बदलाव लाना है. मंत्री ने कहा कि इससे शहरी जीवन के स्तर में सुधार होगा और शहरों को और भी सुंदर, सुव्यवस्थित और जीवन की गुणवत्ता के हिसाब से बेहतर बनाया जाएगा. माना जा रहा है कि ये योजना आने वाले समय में लाखों लोगों को फायदा पहुंचाएगी और भारत के शहरी क्षेत्रों का विकास एक नए दृष्टिकोण से होगा.
शहरीकरण के बढ़ते प्रभाव के साथ-साथ नई चुनौतियां भी सामने आएंगी जैसे कि ज्यादा जनसंख्या का दबाव, बेसिक इंफ्रास्ट्रक्चर की कमी और पर्यावरणीय संकट. इस कार्यक्रम के माध्यम से इन चुनौतियों का समाधान किया जाएगा, जिससे भारत के शहर न केवल बढ़ेंगे बल्कि उनमें रहने वाले लोगों का जीवन स्तर भी बेहतर होगा.
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