Air India Urinating Case: फ्लाइट में महिला पर पेशाब करने के आरोपी शंकर मिश्रा ने चार महीने तक बैन लगाए जाने के एयर इंडिया के फैसले पर असहमति जताई है. आरोपी शंकर मिश्रा के वकील अक्षत बाजपेई ने कहा कि उनकी मुवक्किल चार महीने तक प्रतिबंध लगाए जाने के कमेटी के फैसले से असहमत है. इसके खिलाफ अपील दायर करने की प्रक्रिया में हैं.
आरोपी के वकील ने दावा किया कि जांच कमेटी का फैसला विमान की संरचना की गलत समझ पर टिका है. शंकर मिश्रा के वकील ने दावा किया कि उनके मुवक्किल पर जिस सीट नंबर 9B पर कथित पेशाब करने का आरोप है, वह सीट नंबर बिजनेस क्लास में है ही नहीं.
महिला पर की थी पेशाब
आरोपी शंकर मिश्रा पर आरोप है कि न्यूयॉर्क से नई दिल्ली आ रही एयर इंडिया की फ्लाइट में सफर के दौरान नशे में धुत होकर उसने एक वयस्क महिला के ऊपर पेशाब कर दी थी. महिला ने इसकी शिकायत फ्लाइंग स्टाफ से भी की थी. बावजूद आरोपी को आसानी से जाने दिया गया था. महिला ने एयर इंडिया के स्वामित्व वाली कंपनी टाटा संस के चेयरमैन एन चंद्रशेखरन से शिकायत दर्ज कराई थी. बाद में शिकायत पर दिल्ली पुलिस ने आरोपी को बेंगलुरु से गिरफ्तार किया था.
जांच कमेटी के फैसले पर सवाल
आरोपों को लेकर एयर इंडिया ने एक जांच कमेटी बनाई थी जिसने शंकर मिश्रा के ऊपर चार महीने तक एयरलाइंस में उड़ान भरने से प्रतिबंधित कर दिया गया था. वहीं, आरोपी के वकील का कहना है कि कमेटी का फैसला गलत है. वकील अक्षत बाजपेई ने कहा, जांच कमेटी ने गलती से मान लिया कि बिजनेस क्लास में सीट 9बी थी, जबकि क्राफ्ट के बिजनेस क्लास में कोई सीट 9बी नहीं है. वहां केवल 9A और 9C सीट हैं. बताया कि समिति ने अनिवार्य रूप से एक संभावना तैयार की है कि उनके मुवक्किल ने वहां पर कथित काम (पेशाब) किया.
वकील का बयान
एक बयान में उन्होंने कहा, "जब समिति को इस बात का पर्याप्त स्पष्टीकरण नहीं मिला कि आरोपी ने सीट 9A पर बैठे यात्री को प्रभावित किए बिना शिकायतकर्ता पर कैसे पेशाब कर सकता है, तो यह गलत तरीके से मान लिया गया है कि बिजनेस क्लास में सीट 9बी थी और कल्पना की कि आरोपी इस काल्पनिक सीट पर हुआ और सीट 9A पर बैठी शिकायतकर्ता पर पेशाब कर दी. हालांकि, लेआउट पर बिजनेस क्लास में कोई सीट 9B नहीं है - केवल 9A और 9C सीटें हैं."
बयान में आगे कहा गया, "हम विशेष रूप से इस ओर इशारा करना चाहते हैं कि आंतरिक जांच समिति का फैसला विमान के लेआउट के बारे में उनकी गलत समझ पर आधारित है. हम आरोपी की बेगुनाही बरकरार रखते हैं और हमें देश की न्याय व्यवस्था पर पूरा भरोसा है."
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