युद्धाभ्यासः कट्टर दुश्मन देश अमेरिका और ईरान का भारत में होगा 'मिलन', कुल 41 देशों की नौसेनाएं लेंगी भाग
नौसेना के प्रवक्ता, कमांडर विवेक मधवाल के मुताबिक, मिलन2020 एक्सरसाइज मित्र-देशों की नौसेनाओं के ऑपरेशन्ल-कमांडर्स को एक साथ आपसी हितों पर चर्चा करने का मौका देगा.
नई दिल्लीः कट्टर दुश्मन देश, अमेरिका और ईरान का 'मिलन' भारत के विशाखापट्टनम में होने जा रहा है. मौका है भारत द्वारा आयोजित मल्टीनेशनल एक्सरसाइज, 'मिलन2020' जिसमें अमेरिका और ईरान सहित कुल 41 देशों की नौसेनाएं हिस्सा ले रही हैं. हाल ही में मिडिल ईस्ट में हुए तनाव के बाद ये पहली बार होगा कि दोनों देशों की नौसेनाएं एक साथ युद्धाभ्यास करेंगी.
शनिवार को भारतीय नौसेना ने मिलन एक्सरसाइज का थीम-वीडियो जारी कर दिया. करीब 2.50 मिनट के इस वीडियो में दिखाया गया है कि किस तरह से मित्र-देशों की नौसेनाएं समंदर में सहयोग और तालमेंल करती हैं. मार्च के महीने में आंध्र-प्रदेश के विशाखापट्टनम में होने जा रही मिलन-एक्सरसाइज का थीम है, 'सिनर्जी अक्रॉस द सीज़.'
मिलन एक्सरसाइज में अमेरिका ईरान भी शामिल
वीडियो में जिन देशों को मिलन एक्सरसाइज में हिस्सा लेते हुए दिखाया गया है उसमें अमेरिका और ईरान भी शामिल है. गौरतलब है कि इस साल के शुरूआत में ही दोनों देशों के बीच संबंध बेहद तल्ख हैं.
अमेरिका ने ईरान के एक बड़े सैन्य कमांडर, कासिम सुलेमानी को एयर-स्ट्राइक में मार गिराया था. इसके बाद जवाबी कारवाई करते हुए ईरान ने ईराक स्थित अमेरिका के दो बड़े मिलिट्री-बेस पर बैलेस्टिक मिसाइलों से हमला किया था. ऐसे में दोनों देशों को एक साथ एक प्लेटफार्म पर लाने का काम मिलन-एक्सरसाइज कर रही है.
नौसेना के प्रवक्ता, कमांडर विवेक मधवाल के मुताबिक, मिलन2020 एक्सरसाइज मित्र-देशों की नौसेनाओं के ऑपरेशन्ल-कमांडर्स को एक साथ आपसी हितों पर चर्चा करने का मौका देगा. इस युद्धभ्यास का उद्देश्य प्रोफेशनल-इंटरेक्शन है और हिस्सा लेने वाली नौसेनाएं एक दूसरे की ताकत से रूबरू होंगी.
विशाखापट्टनम में पहली बार मिलन एक्सरसाइज
सिटी ऑफ डेस्टनी के नाम से विख्यात विशाखापट्टनम (वाइज़ेग) में पहली बार मिलन एक्सरसाइज होने जा रही है. 1995 में शुरू हई ये एक्सरसाइज अभी तक अंडमान निकोबार में होती आई थी. दो साल में एक बार होने वाली ये एक्सरसाइज पहली बार विशाखापट्टनम में होने जा रही है.
थीम वीडियो में दिखाया गया है कि प्राचीन काल से ही भारत के राजाओं की नौसेनाएं थी, चाहें फिर वो सातवाहन साम्राज्य हो या चोल राजा या फिर मराठा.
ईरान और अमेरिका के अलावा जो नाम इसमें चौकान्ने वाले हैं वो हैं रूस, इजरायल और सऊदी अरब. क्योंकि रूस और अमेरिका की चिर-परिचित प्रतिद्धंदिता दुनिया से छिपी नहीं है. यहां तक की जब भारत ने रूस से एस 400 मिसैइल खरीदने का करार किया था तो अमेरिकी ने उसका विरोध किया था.
अमेरिका ने भारत पर नहीं लगाया था 'काटसा'
हालांकि, अमेरिका ने भारत पर अपना कड़ा कानून 'काटसा' (काउंटरिंग अमेरिकाज़ एडवर्सेरीज थ्रू सेंक्शंस) नहीं लगाया था. अमेरिका के साथ साथ जापान और आस्ट्रेलिया की नौसेनाओं को भी निमंत्रण भेजा गया है जिनके साथ भारत ने एक नया गठजोड़, 'क्वॉड' बनाया है.
खास बात ये है कि भारत ने चीन को इस एक्सरसाइज के लिए न्यौता नहीं भेजा है. नौसेना प्रमुख एडमिरल करमबीर सिंह के मुताबिक, इस एक्सरसाइज के लिए 'लाइक माइडेंड' देशों को ही आमंत्रित किया गया है. लेकिन साऊथ चायना सी से जुड़े इंडोनेशिया, थाईलैंड, वियतनाम और मलेशिया को बुलाया गया है.
इसके अलावा मिलन एक्सरसाइज में इंग्लैंड, फ्रांस, न्यूजीलैंड यूएई, मिस्र, कतर, ईरान सहित अफ्रीकी देश सोमालिया, जिबूती, इरीट्रिया और मोजंबिक को भी आमंत्रित किया गया है.
संजय राउत बोले- सावरकर को भारत रत्न देने का विरोध कर रहे लोगों को अंडमान जेल में समय गुजारना चाहिए