नई दिल्ली: भारत सरकार द्वारा लाए गए नागरिकता संशोधन कानून को लेकर देश और दुनिया में बवाल मचा हुआ है. इस कानून को लेकर अमेरिकी कांग्रेस थिंक टैंक कांग्रेश्नल रिसर्च सर्विस (सीआरएस) का मानना है कि नागरिकता संशोधन कानून भारत के मुसलमानों की स्थिति को प्रभावित कर सकता है.


सीआरएस की ताजा रिपोर्ट में कहा गया है कि सरकार एनआरसी के साथ नागरिकता संशोधन कानून के जरिए भारत की बड़ी मुस्लिम आबादी की स्थिति पर असल डाल सकता है. सीआरएक के अनुसार विदेशी इसे भारत के इतिहास के अपमान के रूप में देखते हैं. जिस धर्मनिरपेक्ष भारत की स्थापना महात्मा गांधी और पंडित जवाहर लाल नेहरू ने की थी.


सीआरएस ने अपनी रिपोर्ट में ये भी लिखा, कई विश्लेषकों का मानना है बीजेपी सरकार राजनीतिक समर्थन को मजबूत करने के लिए भावनात्मक और धार्मिक मुद्दों पर और अधिक निर्भर होकर भारत आर्थिक विकास को काफी धीमा कर रही है. हालांकि सीआरएस की रिपोर्टों को अमेरिकी कांग्रेस का आधिकारिक दस्तावेज नहीं माना जाता है.