नई दिल्ली: एलएसी पर चीन से चल रही तनातनी के बीच अमेरिका के रक्षा सचिव लॉयड ऑस्टिन इसी महीने भारत के दौरे पर आ रहे हैं. बाइडन प्रशासन के किसी मंत्री का ये पहला भारत का दौरा है. अमेरिका के रक्षा विभाग (डिपार्टमेंट ऑफ डिफेंस) ने बयान जारी कर बताया कि इस दौरे के दौरान लॉयड ऑस्टिन भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े नेताओं (एनएसए) से मुलाकात करेंगे.
जानकारी के मुताबिक, अमेरिकी रक्षा सचिव (मंत्री) इस महीने की 19 तारीख को दिल्ली पहुंचेंगे (19-21 मार्च). अमेरिका रक्षा विभाग के मुताबिक, इस दौरे के दौरान लॉयड ऑस्टिन अपने समकक्ष, राजनाथ सिंह और राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े नेताओं (एनएसए इत्यादि) से भारत और अमेरिका के बीच डिफेंस-पार्टनरशिप को मजबूत करने के साथ-साथ ‘एक स्वतंत्र, समृद्ध और खुले इंडो-पैसेफिक क्षेत्र और पश्चिमी हिंद महासागर’ पर चर्चा करेंगे.
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने लॉयड ऑस्टिन के भारत आने के ट्वीट पर लिखा कि वे भी सेक्रेटेरी ऑस्टिन के 'दौरे का इंतजार कर रहे हैं.' रक्षा मंत्रालय ने देर शाम बयान जारी कर कहा कि रक्षा सचिव ऑस्टिन की पहली विदेश यात्रा में भारत आना दोनों देशों के स्ट्रेटेजिक-पार्टनरशिप दर्शाती है. इस यात्रा के दौरान देशों के बीच रक्षा-व्यापार और उद्योग को मजबूत करने में मदद मिलेगी.
बता दें कि भले ही पूर्वी लद्दाख से सटी एलएसी के पैंगोंग-त्सो झील के उत्तर (फिंगर एरिया) और दक्षिण (कैलाश हिल रेंज) में पहले चरण का डिसइंगेजमेंट जरूर हो गया हो, लेकिन अभी भी कई इलाके ऐसे हैं जहां दोनों देशों के बीच टकराव की स्थिति बनी हुई है. अमेरिका लगातार चीन की आक्रमक और विस्तारवादी नीतियों का विरोध करता आया है. यहां तक की जरूरत के वक्त एलएसी पर तैनात भारतीय सैनिकों के लिए अमेरिकी सेना ने अपने विंटर-क्लोथिंग और टेंट तक मुहैया कराए थे.
हालांकि, भारत के रूस से एस-400 मिसाइल सिस्टम लेने को लेकर अमेरिका जरूर नाराज है लेकिन बाइडन प्रशासन के रक्षा सचिव के पहले विदेश दौरे के दौरान भारत आना बेहद महत्वपूर्ण माना जा रहा है.
गौरतलब है कि अमेरिका के रक्षा सचिव (मंत्री) बनने से पहले लॉयड जेम्स ऑस्टिन अमेरिकी सेना के वाइस चीफ (फॉर स्टार जनरल) के पद पर रह चुके हैं और वे पहले अमेरिकी-अफ्रीकी मूल के रक्षा सचिव हैं. वे ईराक और दूसरे खाड़ी देशों में तैनात अमेरिका की सेंट्रल कमान के कमांडर के पद पर भी अपने सेवाएं दे चुके हैं.
अमेरिकी रक्षा विभाग के मुताबिक, लॉयड ऑस्टिन अपनी इंडो-पैसेफिक यात्रा के दौरान सबसे पहले 13 मार्च को हवाई-आईलैंड स्थित इंडो-पैसेफिक कमांड के मुख्यालय पहुंचेंगे और वहां पर टॉप कमांडरों और सैनिकों से मुखातिब होंगे, क्योंकि रक्षा विभाग इंडो-पैसेफिक को एक ‘प्रायोरिटी थियेटर’ मानता है.
हवाई के बाद लॉयड ऑस्टिन जापान और दक्षिण कोरिया की यात्रा पर जाएंगे. इस दौरान अमेरिकी (विदेश) सचिव, एंटनी बिलेंकन भी उनके साथ मौजूद रहेंगे और दोनों देशों के समकक्षों के साथ टू-प्लस-टू मीटिंग करेंगे.
अमेरिका बयान में साफ तौर से कहा गया कि लॉयड ऑस्टिन की इंडो-पैसेफिक देशों की यात्रा का उद्देश्य अंतर्राष्ट्रीय रक्षा संबंधों को तो मजबूत करना है ही “अंतर्राष्ट्रीय नियमों, कानून और मानदंडों के लिए अमेरिका की प्रतिबद्धता को सुदृढ़ करेंगा.” अमेरिका का ये इशारा सीधे चीन की तरफ था जो दक्षिणी चीन सागर में दूसरे देशों की उपस्थिति का विरोध करता आया है.
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