नई दिल्लीः अमेरिका के रक्षा मंत्री लॉयड जे ऑस्टिन तीन दिनों के दौरे पर शुक्रवार को भारत पहुंचे. उनके आने का उद्देश्य हिंद-प्रशांत सहित क्षेत्र में चीन की बढ़ती आक्रमकता के मद्देनजर द्विपक्षीय रक्षा एवं सुरक्षा संबंधों को और मजबूत करना है. ऑस्टिन की प्रथम विदेश यात्रा के दौरान तीन देशों के दौरे में भारत तीसरा पड़ाव स्थल है. उनकी इस यात्रा को (अमेरिकी राष्ट्रपति) जो बाइडन प्रशासन के अपने करीबी सहयोगियों और क्षेत्र में साझेदारों के साथ मजबूत प्रतिबद्धता के तौर पर देखा जा रहा है.


उनकी यात्रा की तैयारियों और एजेंडा की जानकारी रखने वाले लोगों ने बताया कि दोनों पक्षों के बीच बातचीत में भारत-अमेरिका संबंध को और प्रगाढ़ करने के तरीकों, हिंद-प्रशांत क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने, पूर्वी लद्दाख में चीन के आक्रामक व्यवहार, आतंकवाद से पैदा हुई चुनौतियां और अफगान शांति वार्ता पर जोर रहने की उम्मीद है.


उन्होंने बताया कि तीन अरब डॉलर से अधिक (अनुमानित) लागत से अमेरिका से करीब 30 ‘मल्टी-मिशन’ सशस्त्र प्रीडेटर ड्रोन खरीदने की भारत की योजना पर भी चर्चा होने की उम्मीद है. ये ड्रोन सेना के तीनों अंगों (थल सेना, वायु सेना और नौ सेना) के लिए खरीदने की योजना है.


राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजीत डोभाल से शुक्रवार शाम ऑस्टिन के मुलाकात करने की उम्मीद है. ऑस्टिन शनिवार को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के साथ व्यापक वार्ता करेंगे. अमेरिकी रक्षा मंत्री के विदेश मंत्री एस जयशंकर से भी मिलने की संभावना है.


क्वाड समूह के हिंद-प्रशांत क्षेत्र में अपना सहयोग विस्तारित करने का संकल्प लेने के कुछ दिनों बाद अमेरिकी रक्षा मंत्री की भारत की यात्रा हो रही है. चार देशों के इस समूह में भारत, अमेरिका, जापान और आस्ट्रेलिया शामिल हैं. अमेरिकी रक्षा मंत्री ने भारत पहुंचने से पहले जापान और दक्षिण कोरिया का दौरा किया.


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