Gurpatwant Singh Pannu: अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन के टॉप नेशनल सिक्योरिटी एडवाइजर या कहें राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार भारत के साथ कई द्विपक्षीय मुद्दों पर चर्चा करने के लिए नई दिल्ली आए हैं. वह भारत-अमेरिका द्विपक्षीय मुद्दों पर चर्चा के अलावा खालिस्तानी आतंकी गुरपतवंत सिंह पन्नू की अमेरिकी धरती पर हत्या की साजिश मामले में भारत पर लगे आरोपों पर भी बात करने वाले हैं. व्हाइट हाउस ने मंगलवार (5 दिसंबर) को इसकी जानकारी दी है. 


खालिस्तानी आतंकी गुरपतवंत सिंह पन्नू अमेरिका के न्यूयॉर्क में रहता है. उसके पास कनाडा और अमेरिका दोनों की नागरिकता है. अमेरिका में भले ही लोग उसे सामाजिक कार्यकर्ता और वकील के तौर पर जानते हैं. मगर वह वहां से बैठे-बैठे ही भारत के खिलाफ आतंकी गतिविधियों को अंजाम देने में जुटा रहता है. पन्नू 'सिख फॉर जस्टिस' (एसजेएफ) नाम के खालिस्तानी संगठन का प्रमुख भी है. पन्नू और उसके संगठन दोनों पर भारत सरकार ने बैन लगाया हुआ है. 


व्हाइट हाउस ने क्या बताया है? 


व्हाइट हाउस की तरफ से जारी किए गए बयान में कहा गया, 'प्रिंसिपल डिप्टी नेशनल सिक्योरिटी एडवाइजर जॉन फाइनर भारत के डिप्टी नेशनल सिक्योरिटी एडवाइजर विक्रम मिस्री के साथ मुलाकात की. फाइनर ने महत्वाकांक्षी यूएस-इंडिया इनिशिएटिव ऑन क्रिटिकल एंड इमर्जिंग टेक्नोलॉजी (iCET) में हुई प्रगति की समीक्षा करने के लिए 4 दिसंबर को नई दिल्ली में एक प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व भी किया.'


बयान में आगे कहा गया, 'फाइनर ने अमेरिका में हत्या की साजिश को लेकर भारत के जरिए जांच समिति की स्थापना की जानकारी ली. उन्होंने इस मामले में जिम्मेदार व्यक्ति को जवाबदेह ठहराने के महत्व को स्वीकार भी किया.'


पन्नू की हत्या की कोशिश में भारतीय पर चल रहा मुकदमा


दरअसल, पिछले हफ्ते अमेरिका के जस्टिस डिपार्टमेंट ने 52 वर्षीय भारतीय नागरिक निखिल गुप्ता के ऊपर पन्नू की हत्या की साजिश के मामले में शामिल होने के आरोपों के तहत मुकदमा चलाया. जस्टिस डिपार्टमें की तरफ से जारी किए गए बयान में कहा गया, 'भारत सरकार के एक सरकारी कर्मचारी ने निखिल गुप्ता के अलावा अन्य लोगों के साथ मिलकर अमेरिका की धरती पर न्यूयॉर्क सिटी में रहने वाले भारतीय मूल एक अटॉर्नी और पॉलिटिकल एक्टिविस्ट की हत्या की कोशिश की.'


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