India-US Relations: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अमेरिकी दौरे से वापस भारत आने के लिए रवाना हो चुके हैं. अमेरिका में पीएम मोदी ने राष्ट्रपति जो बाइडेन से लेकर यूक्रेन के राष्ट्राध्यक्ष वोलोदिमिर जेलेंस्की से मुलाकात की. इस बीच भारत में अमेरिकी राजदूत एरिक गार्सेटी ने भारत से अमेरिका की दोस्ती को लेकर बड़ा दावा कर दिया है.
अमेरिकी राजदूत एरिक गार्सेटी ने कहा कि अमेरिका भारत को एक दोस्त और साझेदार के तौर पर देखता है, न कि किसी अन्य देश के प्रतिकार के रूप में. उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि दोनों देश सीमाओं, संप्रभुता और कानून के शासन के सिद्धांतों को साझा करते हैं.
'सीमा संघर्ष के वक्त भारत के साथ खड़ा रहा अमेरिका'
एएनआई के साथ इंटरव्यू में एरिक गार्सेटी ने जोर देकर कहा कि जब भी सीमा पर संघर्ष हुआ है, अमेरिका भारत के साथ खड़ा रहा है और वह चीन के साथ भारत की कूटनीतिक बातचीत का समर्थन करता है. उन्होंने कहा कि जब बात विशेष रूप से चीन की आती है तो हम सभी चीन के साथ शांतिपूर्ण संबंध रखना चाहते हैं.
इस दौरान भारत में अमेरिकी राजदूत ने बिना चीन का नाम लिए कहा कि अमेरिका चाहता है कि देशों के पास विकल्प हों और वे कर्ज के जाल में न फंसें. भले ही एरिक गार्सेटी ने चीन का नाम नहीं लिया, लेकिन उनका इशारा ड्रैगन की तरफ ही था. गौरतलब है कि पाकिस्तान, श्रीलंका,नेपाल, मालदीव जैसे भारत के तमाम पड़ोसी देशों को चीन अपने कर्ज के जाल में फंसा चुका है.
'पीएम मोदी और बाइडेन में है गहरी दोस्ती'
इसी महीने चीन ने पूर्वी लद्दाख की चार जगहों से अपनी सेना को पीछे हटाया था. इसके बाद विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा था कि चीन के साथ 75 फीसदी डिसइंगेजमेंट की समस्याओं को सुलझा लिया गया है, लेकिन दोनों देशों को अभी भी कुछ काम करने हैं. उन्होंने जोर देते हुए यह भी बताया कि भारत और चीन के बीच अतीत में कभी भी आसान रिश्ते नहीं रहे हैं.
इस दौरान एरिक गार्सेटी ने पीएम नरेंद्र मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन की घनिष्ठ मित्रता का भी जिक्र किया. उन्होंने कहा कि पीएम मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति बाइडेन के बीच गहरी दोस्ती है. उन्होंने राष्ट्रपति बाइडेन को अमेरिकी इतिहास में सबसे अधिक भारत समर्थक राष्ट्रपति बताया. उन्होंने कहा, ''पहली बार किसी राष्ट्रपति के निजी घर में भारत के पीएम गए हैं, ये गहरी दोस्ती का ही हिस्सा है.''
ये भी पढ़ें: