US-India Predator Drones Deal: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अमेरिका दौरे के दौरान अत्याधुनिक प्रीडेटर ड्रोन की खरीद के समझौते को मंजूरी दी गई. सौदे की लागत को लेकर सोशल मीडिया पर कुछ रिपोर्ट्स आई थीं. रक्षा मंत्रालय ने साफ कर दिया है कि अमेरिका के साथ ड्रोन सौदे की लागत अभी तक तय नहीं की गई है.
रक्षा मंत्रालय ने रविवार को कहा, "भारत ने अमेरिका से 31 एमक्यू-9बी ड्रोन की खरीद के लिए कीमत और अन्य शर्तों को अभी तय नहीं किया है. कीमत और अन्य शर्तों का जिक्र करते हुए सोशल मीडिया के कुछ हिस्सों में सामने आई कुछ रिपोर्टों का उद्देश्य गलत है. इसका उद्देश्य उचित अधिग्रहण प्रक्रिया को पटरी से उतारना है.''
गलत सूचना न फैलाने की अपील
रक्षा मंत्रालय ने कहा कि वह ड्रोन खरीद लागत की तुलना इसके विनिर्माता जनरल एटॉमिक्स (GA) की तरफ से अन्य देशों को बेची गई कीमत से करेगा और खरीद निर्धारित प्रक्रिया के अनुसार की जाएगी. बयान में कहा गया है, "इस संबंध में, सभी से अनुरोध है कि वे फर्जी खबरें और गलत सूचना न फैलाएं, जो सशस्त्र बलों के मनोबल पर और अधिग्रहण प्रक्रिया पर भी प्रभाव डाल सकती हैं."
प्रीडेटर रीपर ड्रोन की खासियत
एमक्यू-9 रीपर ड्रोन 500 फीसदी ज्यादा पेलोड ले जा सकता है और इसका हॉर्स पावर पहले के एमक्यू-1 प्रीडेटर की तुलना में 9 गुना है. लगातार निगरानी करने समेत कई प्रकार से इसकी क्षमता ज्यादा बताई गई है. एमक्यू-9 रीपर की क्षमता 27 घंटे से ज्यादा है. इसकी स्पीड 240 केटीएएस है. यह 50,000 फीट तक उड़ान भर सकता है. भारत के पास एमक्यू 9बी रीपर होने से हिंद महासागर और चीन के साथ लगी सीमा पर निगरानी क्षमताओं में इजाफा होगा.
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