US Man Donates 11.6 Crore Rupees: केरल के दंपति के लिए अमेरिका का एक शख्स फरिश्ता बनकर सामने आया. दंपति के 16 महीने का बेटा एक दुर्लभ बीमारी से पीड़ित है. इसके इलाज के लिए दंपति के पैसे नहीं था. बच्चा स्पाइनल मस्कुलर एट्रोफी (SMA) टाइप 2 नामक एक दुर्लभ बीमारी से पीड़ित है. बेटे के इलाज के लिए अमेरिका के एक व्यक्ति ने गुमनाम रूप से 11.6 करोड़ रुपये का दान दिया है.


मलयाला मनोरमा की रिपोर्ट के अनुसार, बच्चे निर्वाण के माता-पिता (सारंग मेनन और अदिति नायर) को डॉक्टरों ने बच्चे के इलाज के लिए लगभग ₹17.5 करोड़ खर्च होंगे. क्राउडफंडिंग के माध्यम से 50,000 लोगों के योगदान के साथ ₹5 करोड़ मिले. यह रकम कम पड़ रही थी. लेकिन अमेरिकी के एक अनजान शख्स ने उन्हें 11.6 करोड़ रुपये दान में दे दिए, जिससे उनके बच्चे का इलाज हो सकेगा. 


दंपति ने खुशी जाहिर की


परिवार ने फेसबुक के माध्यम से इसकी जानकारी दी और खुशी जाहिर की. बच्चे के माता-पिता ने कहा, "हम आप सभी के साथ एक खुशखबरी साझा करना चाहते हैं कि हमें एक अनाम दाता से 1.4 मिलियन डॉलर का महत्वपूर्ण दान मिला है. उनकी उदारता ने हमें निर्वाण के इलाज के लिए आवश्यक धन जुटाने के हमारे लक्ष्य के करीब ला दिया है. यह जानकर खुशी होती है कि दुनिया में अभी भी ऐसे देवदूत हैं जो निस्वार्थ भाव से दूसरों की मदद के लिए आगे आते हैं."


अमेरिका से आएगी दवा


स्पाइनल मस्कुलर एट्रोफी (SMA) टाइप 2 के इलाज में दुनिया की सबसे महंगी दवा के रूप में जानी जाने वाली नोवार्टिस कंपनी की जोलगेन्स्मा दवा का इस्तेमाल होता है. इस दवा की एक खुराक की कीमत लगभग 17.5 करोड़ रुपये है और भारत पहुंचने में इसे लगभग 20 दिन लगते हैं. परिवार ने पैसे का जुगाड़ हो जाने पर केंद्रीय वित्त मंत्रालय और आयात-निर्यात विभाग से संपर्क करना शुरू कर दिया है. यह दवा अमेरिका से आएगी. 


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