अमेरिकी नौसेना ने अपने बेड़े के 2 रोमियो हेलीकॉप्टर्स भारतीय नेवी को सौपें, ट्रंप की यात्रा के दौरान हुआ था सौदा
अमेरिकी सरकार की तरफ से इस करार को अमेरिकी नौसेना देख रही है. ऐसे में अमेरिकी नौसेना ने कंपनी को अपने बेड़े के तीन हेलीकॉप्टर्स को पहले भारतीय नौसेना को देने के लिए कह दिया है.
नई दिल्ली: भारत और अमेरिका के सैन्य संबंधों में एक नया आयाम जुड गया है. अमेरिकी नौसेना ने अपने दो एंटी-सबमरीन एमएच-60आर 'रोमियो' हेलीकॉप्टर्स को शनिवार को भारतीय नौसेना को सौंप दिया. भारत ने वर्ष 2019 में डोनाल्ड ट्रंप की यात्रा के दौरान अमेरिका से 24 एंटी सबमरीन मल्टी मिशन हेलीकॉप्टर्स का सौदा किया था. दरअसल, अमेरिकी सरकार ने हेलीकॉप्टर बनाने वाली कंपनी, लॉकहीड मार्टिन (सिकोरसी) को भारतीय नौसेना के लिए 24 हेलीकॉ्पटर बनाने का करार किया था.
अमेरिकी सरकार की तरफ से इस करार को अमेरिकी नौसेना देख रही है. ऐसे में अमेरिकी नौसेना ने कंपनी को अपने बेड़े के तीन हेलीकॉप्टर्स को पहले भारतीय नौसेना को देने के लिए कह दिया है. लॉकहीड कंपनी अमेरिकी नौसेना के लिए पहले से ही एमएच-60आर 'रोमियो' हेलीकॉप्टर बना रही है. इन तीन में से दो को शनिवार को अमेरिका नौसेना ने भारतीय नौसेना को सौंप दिया. अमेरिकी नौसेना के नार्थ आईलैंड नेवल बेस पर एक कार्यक्रम के दौरान इन दोनों हेलीकॉप्टर्स को भारतीय नौसेना के अधिकारियों को सौंपा गया. इस दौरान अमेरिका में भारत के राजदूत तरणजीत सिंह संधू भी मौजूद थे.
किया था करार
फरवरी 2019 में जब अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप भारत की यात्रा पर आए थे तब दोनों देशों ने फॉरेन मिलिट्री सेल्स (एफएमएस) के तहत भारतीय नौसेना के लिए 24 मल्टी-मिशन एमएच-60आर हेलीकॉप्टर का करार किया था. भारत ने अमेरिका से ये सौदा 2.6 बिलियन डॉलर (करीब 21 हजार करोड़ रुपये) में किया था. अमेरिकी नौसेना ने इन दो हेलीकॉप्टर्स को भारत को इसलिए जल्दी दे दिया ताकि भारतीय नौसेना इन पर जल्द से जल्द अपनी ट्रेनिंग शुरू कर दे.
माना जा रहा है कि बाकी 22 हेलीकॉप्टर्स भी जल्द मिलने शुरू हो जाएंगे. अमेरिकी कंपनी, लॉकहीड मार्टिन के जरिए तैयार इन 'एमएच60आर' हेलीकॉप्टर्स को एंटी-सबमरीन और एंटी-सर्फेस (शिप) वॉरफेयर के लिए इस्तेमाल किया जाता है. इसके अलावा इन रोमियो हेलीकॉप्टर्स को समंदर में सर्च एंड रेस्क्यू ऑपरेशन में भी इस्तेमाल किया जाता है.
भारतीय नौसेना को इन एंटी सबमरीन हेलीकॉप्टर्स की बेहद जरूरत थी. नौसेना के एंटी सबमरीन हेलीकॉप्टर्स, सीकिंग काफी पुराने पड़ चुके हैं. ये सीकिंग हेलीकॉप्टर एयरक्राफ्ट कैरियर आईएनएस विक्रमादित्य पर तैनात हैं. इसके अलावा कोचिन शिपयार्ड में तैयार हो रहा स्वदेशी विमानवाहक युद्धपोत, विक्रांत के लिए भी नौसेना को इन एमएच60आर हेलीकॉप्टर्स की जरूरत है.
बेहद ही एडवांस ये अमेरिकी रोमियो हेलीकॉप्टर हैलफायर मिसाइल, रॉकेट और टॉरपीडो से लैस हैं और जरूरत पड़ने पर समंदर मे कई सौ मीटर नीचे दुश्मन की पनडुब्बी को तबाह कर सकते हैं. हिंद महासागर में जिस तरह लगातार चीन और पाकिस्तान की पनडुब्बियां भारत के लिए चुनौती बनती जा रही हैं उससे निपटने के लिए भारत को इन रोमियो एंटी सबमरीन हेलीकॉप्टर्स से खासी मदद मिलेगी.
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