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अमेरिकी नौसेना ने अपने बेड़े के तीन 'रोमियो' हेलीकॉप्टर्स भारतीय नौसेना को देने की पेशकश की
अमेरिकी कंपनी, लॉकहीड मार्टिन द्वारा तैयार इन 'एमएच60आर' हेलीकॉप्टर एंटी-सबमरीन और एंटी-सर्फेस (शिप) वॉरफेयर के लिए इस्तेमाल किया जाता है.
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नई दिल्ली: भारत और अमेरिका के सैन्य संबंधों में एक अहम आयाम जुड़ गया है. अमेरिकी नौसेना ने अपने तीन एंटी-सबमरीन एमएच-60आर 'रोमियो' हेलीकॉप्टर्स को पहले भारतीय नौसेना को देने की पेशकश की है.
दरअसल, शुक्रवार को अमेरिकी सरकार ने हेलीकॉप्टर बनाने वाली कंपनी, लॉकहीड मार्टिन से भारतीय नौसेना के लिए हैलिकॉप्टर बनाने का करार किया. क्योंकि अमेरिकी सरकार की तरफ से इस करार को अमेरिकी नौसेना देख रही है. ऐसे में अमेरिकी नौसेना ने कंपनी को अपने बेड़े के तीन हेलीकॉप्टर्स को पहले भारतीय नौसेना को देने के लिए कह दिया है. क्योंकि लॉकहीड कंपनी अमेरिकी नौसेना के लिए पहले से ही एमएच-60आर 'रोमियो' हेलीकॉप्टर बना रही है.
इसी साल फरवरी के महीने में जब अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप भारत की यात्रा पर आए थे, तब दोनों देशों ने फॉरेन मिलिट्री सेल्स के तहत भारतीय नौसेना के लिए 24 मल्टी-मिशन एमएच-60आर हेलीकॉप्टर का करार किया था. भारत ने अमेरिका से ये सौदा 2.6 बिलियन डॉलर (यानी करीब 21 हजार करोड़ रुपये) में किया था. अब अमेरिकी सरकार (अमेरिकी नौसेना) ने ये करार हेलीकॉप्टर बनाने वाली कंपनी, लॉकहीड मार्टिन (या 'सिकोरसी') से किया है.
अमेरिकी नौसेना ने इन तीन हेलीकॉप्टर्स को भारत को इसलिए देने की पेशकश की है ताकि भारतीय नौसेना इन पर जल्द से जल्द अपनी ट्रेनिंग शुरू कर दे. माना जा रहा है कि बाकी 21 हेलीकॉप्टर्स अगले साल से भारत को मिलने शुरू हो जाएंगे.
अमेरिकी कंपनी, लॉकहीड मार्टिन द्वारा तैयार इन 'एमएच60आर' हेलीकॉप्टर एंटी-सबमरीन और एंटी-सर्फेस (शिप) वॉरफेयर के लिए इस्तेमाल किया जाता है. इसके अलावा इन रोमियो हेलीकॉप्टर्स को समंदर में सर्च एंड रेस्कयू ऑपरेशन में भी इस्तेमाल किया जाता है.
भारतीय नौसेना को इन एंटी सबमरीन हेलीकॉप्टर्स की बेहद जरूरत थी. क्योंकि नौसेना के एंटी सबमरीन हेलीकॉप्टर्स, सीकिंग काफी पुराने पड़ चुके हैं. ये सीकिंग हेलीकॉप्टर एयरक्राफ्ट कैरियर आईएनएस विक्रमादित्य पर तैनात हैं. इसके अलावा कोचिन शिपयार्ड में तैयार हो रहा स्वदेशी विमानवाहक युद्धपोत, विक्रांत के लिए भी नौसेना को इन एमएच60आर हेलीकॉप्टर्स की जरूरत है.
बेहद ही एडवांस ये अमेरिकी रोमियो हेलीकॉप्टर हैलफायर मिसाइल, रॉकेट और टॉरपीडो से लैस हैं और जरूरत पड़ने पर समंदर मे कई सौ मीटर नीचे दुश्मन की पनडुब्बी को तबाह कर सकते हैं.
हिंद महासागर में जिस तरह लगातार चीन और पाकिस्तान की पनडुब्बियां भारत के लिए चुनौती बनती जा रही हैं, उससे निपटने के लिए भारत को इन रोमियो एंटी सबमरीन हेलीकॉप्टर्स से खासी मदद मिलेगी.
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