साबरमती आश्रम की विजिटर्स बुक में ट्रंप ने मोदी को बताया ग्रेट फ्रेंड, महात्मा गांधी का जिक्र नहीं
साबरमती आश्रम की विजिटर्स बुक में अमेरिकी राष्ट्रपति ने प्रधानमंत्री मोदी को ग्रेट फ्रेंड बताया है.साबरमती नदी के किनारे बसा यह आश्रम आज़ादी की लड़ाई का महत्त्वपूर्ण केंद्र रहा है.
नई दिल्ली: भारत दौरे पर गुजरात के अहमदाबाद पहुंचे अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप पत्नी मेलानिया संग साबरमती आश्रम पहुंचे. वहां उन्होंने चरखा चलाया. इस दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी उनके साथ थे. इसके बाद ट्रंप ने साबरमती आश्रम की विजिटर्स बुक में अपना संदेश लिखा. इसमें अमेरिकी राष्ट्रपति ने प्रधानमंत्री मोदी को ग्रेट फ्रेंड बताया है. हालांकि इस संदेश में उन्होंने कहीं भी महात्मा गांधी का जिक्र नहीं किया.
डोनाल्ड ट्रंप और मेलानिया ट्रंप साबरमती आश्रम के बाद अब मोटेरा स्टेडियम पहुंच गए हैं. उनके साथ पीएम मोदी भी मौजूद हैं. यहां उन्होंने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की. स्टेडियम लोगों से खचाखच भरा हुआ है. ट्रंप, प्रधानमंत्री मोदी के साथ मोटेरा क्रिकेट स्टेडियम में ‘नमस्ते ट्रंप’ कार्यक्रम में संयुक्त रूप से जनसभा को संबोधित करेंगे.
ये एक्सक्लूसिव तस्वीर साबरमती आश्रम के विजिटर्स बुक की है. इसमें अमेरिकी राष्ट्रपति डोनॉल्ड ट्रंप ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को ग्रेट फ्रैंड बताया है. राष्ट्रपति ट्रंप ने यहां अपनी पत्नी मेलानिया के साथ चरखा भी चलाया.#NamasteTrumpOnABP pic.twitter.com/eG7xFtJ27V
— ABP News (@ABPNews) February 24, 2020
साबरमती आश्रम के बारे में जानिए
साबरमती आश्रम अहमदाबाद के समीप साबरमती नदी के किनारे है. महात्मा गांधी जब अपने 25 साथियों के साथ दक्षिण अफ्रीका से भारत लौटे तो 25 मई, 1915 को अहमदाबाद में कोचरब स्थान पर "सत्याग्रह आश्रम" की स्थापना की गई. दो साल बाद जुलाई 1917 में आश्रम साबरमती नदी के किनारे पर बनाया गया जो बाद में साबरमती आश्रम के नाम से प्रसिद्ध हुआ. महात्मा गांधी के प्रयोगों की शुरुआत यहीं से हुई थी. साबरमती नदी के किनारे बसा यह आश्रम आज़ादी की लड़ाई का महत्त्वपूर्ण केंद्र रहा है.
महात्मा गांधी ने 12 मार्च 1930 को साबरमती आश्रम से ही दांडी मार्च आरम्भ किया था. बापू ने आश्रम में 1915 से 1933 तक निवास किया. जब वे साबरमती में होते थे, तो एक छोटी सी कुटिया में रहते थे जिसे आज भी "हृदय-कुञ्ज" कहा जाता है. यह ऐतिहासिक दृष्टि से अमूल्य निधि है जहां उनका डेस्क, खादी का कुर्ता, उनके पत्र आदि मौजूद हैं.
यह आश्रम महात्मा गांधी और उनकी पत्नी कस्तूरबा के निवास स्थानों में एक है और यह राष्ट्रीय स्मारक है. यह बीसवीं सदी की शुरुआत में बना है. आश्रम में अब एक गांधी स्मारक संग्रहालय और एक कमरे में गांधी का चरखा और मेज भी रखी है.
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