भारत-अमेरिका के विदेश मंत्रियों के बीच हुई मुलाकात, दोनों देशों के संबंधों को मजबूती पर दिया जोर
भारत और चीन के बीच हालिया गतिरोध उत्पन्न होने के बाद माइक पोम्पियो की एस जयशंकर के साथ पहली मुलाकात थी. दोनों नेताओं ने साथ मिलकर कार्य करने के महत्व को रेखांकित किया.
वाशिंगटनः अमेरिका के विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ और भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने मंगलवार को टोक्यो में मुलाकात की. दोनों नेताओं ने भारत-प्रशांत क्षेत्र और विश्व में शांति, समृद्धि और सुरक्षा संबंधी प्रयासों को मजबूती देने के लिए साथ मिलकर कार्य करने के महत्व को रेखांकित किया. इसकी जानकारी विदेश विभाग ने दी है.
अमेरिका, भारत, ऑस्ट्रेलिया, जापान क्वाड परामर्श बैठक के दौरान दोनों देशों के प्रतिनिधि टोक्यो में मिले और उन्होंने अंतरराष्ट्रीय महत्व के मुद्दों पर द्विपक्षीय और बहुपक्षीय सहयोग पर चर्चा की. पोम्पिओ ने जयशंकर के साथ हुई मुलाकात को सफल करार देते हुए ट्वीट किया, “भारतीय विदेश मंत्री डॉ एस जयशंकर के साथ आज हुई बैठक सफल रही. हम साथ मिलकर भारत-अमेरिका संबंधों को आगे ले जा रहे हैं, कोविड-19 से मुकाबला कर रहे हैं और भारत प्रशांत क्षेत्र में सुरक्षा और समृद्धि सुनिश्चित करने का प्रयास कर रहे हैं.”
Had a great dinner with my counterparts Foreign Ministers @moteging, @DrSJaishankar, and @MarisePayne. FM Motegi has been a gracious host! Meetings like this will help the members of the U.S.-India-Australia-Japan Quad realize our shared goals for the Indo-Pacific region. pic.twitter.com/gOXNaU4lk7
— Secretary Pompeo (@SecPompeo) October 6, 2020
विदेश विभाग के प्रधान उप प्रवक्ता केल ब्राउन ने कहा कि दोनों नेताओं ने “भारत-अमेरिका संबंधों को मजबूत करने के लिए प्रतिबद्धता दोहराई, कोविड-19 महामारी से मुकाबला करने के हमारे प्रयासों की समीक्षा की और भारत-प्रशांत क्षेत्र और विश्व में शांति, समृद्धि और सुरक्षा संबंधी प्रयासों को बल देने के लिए साथ मिलकर कार्य करने के महत्व को रेखांकित किया.”
उन्होंने कहा कि दोनों नेता क्षेत्रीय और अंतरराष्ट्रीय महत्व के सभी मुद्दों पर एक दूसरे का सहयोग करने पर सहमत हुए. हालांकि पोम्पिओ और जयशंकर प्रायः फोन पर बातचीत करते हैं लेकिन भारत और चीन के बीच हालिया गतिरोध उत्पन्न होने के बाद यह उनकी पहली मुलाकात थी. भारत भी जापान, अमेरिका और ऑस्ट्रेलिया के साथ भारत-प्रशांत क्षेत्र में द्विपक्षीय सहयोग को विस्तार देना चाहता है.
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