India-China Conflict: भारत और चीन के बीच संबंध ठीक नहीं है. कुछ दिन पहले ही भारत और चीन के सैनिकों के बीच झड़प भी हुई थी. इसके बाद अमेरिका के शीर्ष सांसदों ने कहा है कि भारत के खिलाफ चीन की हालिया आक्रामकता भारत-अमेरिका के संबंधों को मजबूत की आवश्यकता पर जोर देती है.


इंडिया कॉकस के सह-अध्यक्षों ने एक बयान में कहा, अरुणाचल प्रदेश में चीन की हालिया आक्रामकता इस बात की एक बार फिर याद दिलाती है कि भारत के साथ मजबूत सुरक्षा साझेदारी अमेरिका और हमारे सहयोगियों की राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए क्यों महत्वपूर्ण है.


खतरे का है संकेत
इंडिया कॉकस के सह-अध्यक्षों ने कहा, "यह घटना भारतीय क्षेत्र में एक बार फिर पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ चाइना (पीआरसी) के खतरे का संकेत है, जिसमें 2020 में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर चीन की पूर्व-निर्धारित आक्रामकता के कारण लगभग 20 भारतीय सैनिक शहीद हुए थे."


बयान में कहा गया है, इंडिया कॉकस के सह-अध्यक्षों के रूप में हमने अमेरिका-भारत द्विपक्षीय संबंधों को गहरा करने के लिए सालों तक काम किया है. प्रतिनिधि सभा की ओर से पारित वित्त 2023 एनडीएए में खन्ना-शर्मन-श्वेइकर्ट संशोधन को शामिल करके इंडिया कॉकस ने इस दिशा में प्रगति की है, जिसमें भारत को चीन से होने वाले तात्कालिक और गंभीर क्षेत्रीय सीमा खतरों पर प्रकाश डाला गया है.


अमेरिका-भारत दुनिया के सबसे पुराने लोकतंत्र
बयान में कहा गया कि अमेरिका भारत दुनिया के सबसे पुराने और दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र के रूप में एक अद्वितीय संबंध साझा करते हैं. कॉकस के सह-अध्यक्षों के रूप में हम अपने सुरक्षा संबंधों और द्विपक्षीय संबंधों को बढ़ाना जारी रखेंगे.


भारत और चीन के सैनिकों के बीच नौ दिसंबर को अरुणाचल प्रदेश के तवांग सेक्टर के यांग्त्से क्षेत्र में हालिया झड़प हुई थी. जून 2020 में गलवान घाटी में घातक संघर्ष के बाद दोनों देशों के सैनिकों के बीच यह पहली बड़ी झड़प हुई .


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