नई दिल्ली: दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा ने एक ऐसे गिरोह का भंडाफोड़ किया है, जो फर्जी दस्तावेजों के आधार पर पहले तो अपना आधार कार्ड, पैन कार्ड या फिर वोटर पहचान पत्र तैयार करवाता और फिर इन फर्जी दस्तावेजों के माध्यम से देसी विदेशी बैंकों के क्रेडिट कार्ड हासिल करता था. साथ ही इन्हीं फर्जी दस्तावेजों के आधार पर अलग-अलग बैंकों में खाते भी खुलवाता था.


यह गिरोह फर्जी पहचान पर तैयार कराए गए क्रेडिट कार्ड से ज्वैलरी व अन्य कीमती सामान खरीदता और कैश भी निकलवाता था. रकम को वह फर्जी नाम पते पर खोले गए बैंक अकाउंट में जमा करवाता था ताकि किसी को कोई शक न हो और अगर शक हो भी तो पुलिस उन तक न पहुंच सके.


पुलिस ने इस मामले में चार दंपत्तियों को गिरफ्तार किया है. गिरफ्तार किए गए पुरुष समय समय पर अपना हुलिया भी बदल लिया करते थे, जैसे कभी दाढ़ी बढ़ाना, कभी क्लीन शेव हो जाना आदि.


इनके पास से 14 लाख 50 हजार रुपये से ज्यादा की नकदी, लाखों रुपये की ज्वैलरी, 60 से ज्यादा फर्जी पहचान पर तैयार क्रेडिट कार्ड आदि बरामद किए गए हैं. इसके अलावा अलग-अलग बैंकों में उन्होंने अकाउंट खुलवा रखे थे, जिनमें ₹50 लाख से ज्यादा की रकम जमा होने की जानकारी पुलिस को मिली है. पुलिस अब इस मामले में इस बात पर भी जांच कर रही है कि इन लोगों के साथ और कौन-कौन लोग शामिल हैं?


क्या है मामला?


आर्थिक अपराध शाखा के संयुक्त आयुक्त ओपी मिश्रा ने बताया कि सिटी बैंक की तरफ से एक शिकायत मिली थी, जिसमें यह कहा गया था कि जांच के दौरान बैंक को जानकारी मिली है कि अलग-अलग नामों से क्रेडिट कार्ड जारी किए गए हैं, जो एक ही पते पर हैं. इसके अलावा कार्ड का रिकॉर्ड भी वोटर लिस्ट में है. साथ ही बैंक की तरफ से यह जानकारी दी गई कि फर्जी पहचान पर अलग-अलग बैंकों में कई खाते भी खुले हुए हैं. आर्थिक अपराध शाखा ने इस शिकायत के आधार पर जांच शुरू की और शिकायत में लगाए गए आरोप सही पाए गए.


इसके बाद पुलिस ने जांच को आगे बढ़ाते हुए 8 लोगों को गिरफ्तार किया और उनके पास से फर्जी आधार कार्ड, वोटर आई कार्ड, पैन कार्ड आदि बरामद किए गए. इसके अलावा अलग-अलग बैंकों के और अलग-अलग बैंकों में खुलवाए गए खातों की पास बुक आदि बरामद की गई है. पुलिस का कहना है कि आरोपियों में 4 पुरुष और 4 महिलाएं हैं.


चारों पुरुष इस फर्जीवाड़े के सूत्रधार हैं, जो फर्जी पहचान पत्र तैयार करते थे और फिर उनके आधार पर अलग-अलग बैंकों में क्रेडिट कार्ड अप्लाई करते थे. क्रेडिट कार्ड हासिल करने के बाद तुरंत ही उसके माध्यम से ज्वैलरी आदि खरीद लिया करते थे.


इतना ही नहीं इन लोगों ने दो स्वाइप मशीन भी ले रखी थी, जिससे ये लोग फर्जी ट्रांजैक्शन करते थे और उसकी रकम भी अपने अकाउंट में ट्रांसफर कर देते थे. इन लोगों ने अपनी पत्नियों के नाम पर भी फर्जी क्रेडिट कार्ड जारी करवाए हुए थे और उनकी पत्नी के माध्यम से भी ये लोग खरीदारी आदि करवाते थे. पुलिस ने इन आठों को गिरफ्तार कर लिया है. इस पूरे फर्जीवाड़े का मास्टरमाइंड मनीष है, जो उमेश और रवि नाम के व्यक्तियों से फर्जी दस्तावेज तैयार करवाता था. इन दोनों की तलाश की जा रही है.


आरोपियों के नाम


अजय क्षत्रिय और उनकी पत्नी, मनीष क्षत्रिय और उनकी पत्नी. मनीष और अजय भाई हैं. कंवल राज और उनकी पत्नी व अरुण शर्मा और उनकी पत्नी.


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