पीएम मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में भी प्रदूषण, भगवान की मूर्तियों को पहनाए गए मास्क
बाबा भोलेनाथ, देवी दुर्गा, काली माता और साईं बाबा का पूजन करने के बाद उन्हें मास्क पहना दिया गया है. पुजारी ने बताया कि जब लोगों ने प्रतिमाओं को मास्क पहने हुए देखा तब वे भी प्रदूषण से बचाव के लिए खुद मास्क पहने लगे.
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वाराणसी: लगता है प्रदूषण से अब इंसान ही नहीं, भगवान भी परेशान हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में भक्तों ने भगवानों की मूर्तियों को मास्क पहना दिया है, ताकि उन्हें प्रदूषण के खतरे से बचाया जा सके. दिवाली के बाद से राजधानी दिल्ली समेत उत्तर भारत के कई जिलों में प्रदूषण बढ़ा है. मास्क पहनी मूर्तियों की तस्वीरें अब वायरल हो रही हैं.
हम भगवान को इंसानी रूप में मानते हैं- पुजारी
वाराणसी के सिगरा स्थित काशी विद्यापीठ विद्यालय के नजदीक स्थित भगवान शिव पर्वती के मंदिर में स्थापित प्रतिमाओं को यहां के पुजारी और कुछ भक्तों ने मास्क पहना दिया है. पुजारी का कहना है, "वाराणसी आस्था की नगरी है. हम आस्थावान लोग भगवान के इंसानी रूप को महसूस करते हैं. गर्मी में भगवान की प्रतिमाओं को शीतलता प्रदान करने के लिए चंदन लेपन करते हैं. शरद ऋतु में इन्हें कंबल और स्वेटर भी पहनाए जाते हैं. जब हम इन्हें इंसानी रूप में मानते हैं तो उन पर भी प्रदूषण का असर हो रहा होगा. इसीलिए यहां स्थित प्रतिमाओं को हमने मास्क पहना दिया है."
भगवान को देखा तो इंसान भी जागरुक हुए- पुजारी
उन्होंने बताया कि बाबा भोलेनाथ, देवी दुर्गा, काली माता और साईं बाबा का पूजन करने के बाद उन्हें मास्क पहना दिया गया है. पुजारी ने बताया कि जब लोगों ने प्रतिमाओं को मास्क पहने हुए देखा तब वे भी प्रदूषण से बचाव के लिए खुद मास्क पहने लगे. कई लोगों ने इन प्रतिमाओं से सीख ली. छोटे बच्चे भी प्रदूषण से बचाव के लिए जागरूक हो रहे हैं.
लोग त्योहार धूम-धाम से मनाएं, पर सेहत का ख्याल जरूर रखें - पुजारी
पुजारी ने बताया कि दीपावली में लोगों ने पूरे प्रदेश में इतने ज्यादा पटाखे छोड़े हैं कि उसके दूसरे दिन से यहां पर और गंगा के घाटों पर धुंध सी छाई रहती है. इससे आंखों में जलन और सांस भी फूलने लगती है. लोगों ने पेड़-पौधे भी काट डाले हैं, इसलिए यहां के वातावरण में ऑक्सीजन की कमी महसूस की जा रही है. उन्होंने कहा कि प्रदूषण से जूझ रहे बनारस की आबो-हवा ठीक करने के लिए लोगों को खुद आगे आना पड़ेगा. लोग त्योहार धूम-धाम से मनाएं, पर सेहत का ख्याल जरूर रखें.
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