खनन माफिया मोहम्मद जफर को लेकर आमने-सामने यूपी और उत्तराखंड की पुलिस, इस लड़ाई में कौन सही कौन गलत?
Kashipur Murder Story: खनन माफिया मोहम्मद जफर को लेकर उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड की पुलिस आमने-सामने हैं. जफर को पकड़ने गई यूपी पुलिस पर उत्तराखंड में हमला हो जाता है.
Mining Mafia Zafar: खनन माफिया मोहम्मद जफर (Mohammad Zafar) को पकड़ने गई यूपी की मुरादाबाद पुलिस (Moradabad Police) पर उत्तराखंड (Uttarakhand) के काशीपुर में भीड़ ने हमला कर दिया. आरोप है कि यूपी पुलिस (UP Police) को ज्येष्ठ ब्लाक प्रमुख गुरुताज भुल्लर (Gurutaz Bhullar) के घर मे करीब 45 मिनट तक बंधक बनाकर रखा गया. दोनों तरफ से फायरिंग हुई. जिसमें मुरादाबाद पुलिस के 6 पुलिस कर्मी घायल हो गए.
वहीं गुरुताज़ भुल्लर की पत्नी गुरप्रीत कौर की भी गोली लगने से मौत हो गयी. हालांकि, गुरुताज़ भुल्लर का दावा है कि उनके किसी रेत माफ़िया से संबंध नही थे. रेत माइनिंग के आरोपी जफर का भाई भी राजनीतिक आदमी है. इसी के चलते वो जफर को जानते थे और जफर पर दर्ज मुकदमे को लेकर ही मुरादाबाद पुलिस से मिले थे. उन्होंने पुलिस से गलत कार्रवाई न करने को कहा था, लेकिन बुधवार शाम करीब 6.30 बजे मुरादाबाद पुलिस ने सिविल ड्रेस में उनके घर में घुसती चली गयी और जब ये लोग उनसे बात कर रहे थे, तभी इनकी पत्नी की गोली मारकर हत्या कर दी.
एसएसपी मुरादाबाद का दावा
वही एसएसपी मुरादाबाद हेमंत कोटियाल का दावा है कि यूपी पुलिस रेत माफिया ज़फ़र का मुरादाबाद से ही पीछा कर रही थी. पीछा करने के दौरान ज़फ़र उत्तराखंड में दाखिल हो गया और इसी दौरान जब ज़फ़र का पीछा करते हुए पुलिस गुरुताज़ भुल्लर के घर मे दाखिल हुए तो परिवार और गांव वालों ने यूपी पुलिसकर्मियों के हथियार छीन लिए और मारपीट की. साथ मे गोली भी चलाई, जिसमें 2 पुलिसकर्मियों के गोली लगी, जबकि 4 को गंभीर चोटें आयी हैं.
क्या है मामला?
दरअसल 13 सितंबर को मुरादाबाद के ठाकुरद्वारा में एसडीएम परमानंद और खनन अधिकारी अशोक कुमार को बंधक बनाकर तीन डंपर खनन माफिया छुड़ा ले गए थे. इस मामले में पुलिस ने पांच आरोपियों को नामजद करते हुए 150 अज्ञात लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की थी. अभी तक 20 आरोपियों पर 50-50 हजार रुपये का इनाम घोषित किया गया था और इसी मामले में यूपी पुलिस ज़फ़र नाम के रेत माफिया की तलाश कर रही थी.
यूपी पुलिस पर हमला
गुरुताज़ भुल्लर के आलीशान बंगले के बाहर यूपी पुलिस की वो सूमो अभी भी खड़ी है, जिसमें सवार होकर यूपी पुलिस ज़फ़र को गिरफ्तार करने गुरुताज़ के घर पहुची थी. गाड़ी की हालत देखकर अंदाज़ा लगाया जा सकता है कि किन हालात में मुरादाबाद पुलिसकर्मी अपनी जान बचाकर यहां से भागे होंगे. फिलहाल इस मामले में दोनो हीं पक्षों की अपनी दलीलें हैं. यूपी पुलिस गुरुताज़ भुल्लर और इनके परिवार पर पुलिसकर्मियो को अगवा करने का आरोप लगा रही है तो भुल्लर यूपी पुलिस को कठघरे में खड़ा कर रहे हैं. इसी बीच उत्तराखंड पुलिस ने भी यूपी पुलिस के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज कर लिया है. जिसके बाद दोनो शहरों की पुलिस अब आमने-सामने होती नजर आ रही है.
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