Uttar Pradesh News: हमारे समाज में पुलिसकर्मियों के लिए कई बातें की जाती हैं. कुछ लोग पुलिस की कार्यप्रणाली से सहमत होते हैं तो कुछ का नजरिया थोड़ा अलग होता है. हालांकि, अपनी ड्यूटी से ऊपर उठकर भी कुछ पुलिसकर्मी समाज के उत्थान का काम करते हैं और एक वैचारिक मिसाल पेश करते हैं. हाल ही में दो ऐसी ही घटनाएं सामने आईं, जहां पुलिसकर्मियों ने बता दिया कि मानव सेवा ही परम धर्म है.


इस विचार को चरितार्थ करते हुए दो पुलिसकर्मियों ने समाज के सामने मिसाल पेश की है. पहली घटना में, एक बच्चा कॉपी-किताब के लिए 20 रुपये मांग रहा था तो सिपाही भावुक हो गया और उसे कॉपी किताब खरीदकर दी. वहीं दूसरी घटना में, एक बुजुर्ग महिला अपनी फरियाद लेकर सीओ के पहुंची थी. जब सीओ ने देखा कि बुजुर्ग महिला ने चप्पल नहीं पहन रखी तो उन्होंने खुद चप्पल खरीदी और अपने हाथों से महिला को पहनाईं.


गरीब बच्चे को दिलवाई कॉपी-किताब


उत्तर प्रदेश के बांदा पुलिस लाइन में तैनात सिपाही रोहित कुमार के पास शुक्रवार को एक 12 साल बच्चा पहुंचा. बच्चे ने सिपाही से किताब के लिए 20 रुपये मांग लिए. इसके बाद रोहित ने बच्चे से बात की और उसके परिवार की आर्थिक स्थिति समझने की कोशिश की. जैसे ही उसे पता चला कि बच्चा बेहद गरीब परिवार से है तो वो भावुक हो गया. उसने तुरंत बच्चे को कॉपी-किताब खरीदकर दी. सिपाही रोहित ने बच्चे को अपना फोन नंबर भी दिया और कहा कि अगर उसे किसी भी चीज़ की जरूरत हो तो वो उससे मांग सकता है. 


सीओ ने बुजुर्ग महिला को अपने हाथों से पहनाई चप्पल


शुक्रवार को ही पुलिस अधीक्षक कार्यालय में वीरी बिरहण्ड गांव से एक बुजुर्ग महिला फारियाद लेकर जनसुनवाई में पहुंची थी. महिला की हालत बिल्कुल ठीक नहीं थी और उसने पैरों में चप्पल तक नहीं पहनी थी. ये देख पहले वहां मौजूद क्षेत्राधिकारी यातायात सत्य प्रकाश शर्मा ने महिला को कुर्सी दी और फिर एक सिपाही से नई चप्पल मंगवाई. सीओ ने अपने हाथों से महिला को चप्पल पहनाई. ये देख वृद्धा की आंखों में आंसू गए और वो रोने लगी. इस दौरान महिला ने सीओ को आशीर्वाद दिया और उनका धन्यवाद किया.


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