'सपा की हालत खिसियानी बिल्ली खंभा नोचे वाली हो गई है', यूपी बीजेपी अध्यक्ष ने अखिलेश पर कसा तंज
BJP vs SP: भूपेंद्र सिंह चौधरी ने कहा अखिलेश यादव केवल मीडिया में बयानबाजी करते रहे. सपा का जनता से न सरोकार है और न जनहित से. सपा धरातल से कट चुकी है.
BJP Slams Akhilesh Yadav: भारतीय जनता पार्टी के यूपी प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह चौधरी (Uttar Pradesh BJP President Bhupendra Singh Chaudhary) ने गुरुवार (3 नवंबर) को समाजवादी पार्टी (SP) पर तीखा हमला किया. उन्होंने कहा कि सपा की हालत खिसियानी बिल्ली खंभा नोचे वाली हो गई है. उन्होंने कहा एसी कमरों में रहने वालों को धरातल की समझ नहीं होती है. इसीलिए कुछ लोग मिथ्या आरोप लगा रहे हैं. प्रदेश में सपा कांग्रेस (Congress) की राह पर चल रही है. बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष ने कहा विपक्ष के बयानवीर नेताओं के मिथ्या आरोपों को जनता भी भली भांति समझ चुकी है.
अखिलेश और सपा पर बोला हमला
उन्होंने कहा कि परिणाम आने से पहले ही सपा मुखिया अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) ने हार स्वीकार ली है. उन्हें पता था कि जनता ने बीजेपी की डबल इंजन सरकार को फिर आशीर्वाद दे दिया है. इसीलिए अखिलेश यादव केवल मीडिया में बयानबाजी करते रहे. सपा का जनता से न सरोकार है और न जनहित से. सपा धरातल से कट चुकी है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में बीजेपी सरकार की जन-कल्याणकारी योजनाओं का लाभ बिना किसी भेदभाव के जन-जन को मिल रहा है. इसीलिए गोला गोकर्णनाथ के उपचुनाव में भी जनता का भरपूर आशीर्वाद बीजेपी को मिला है. जनता से मिले प्यार और समर्थन के बल पर बीजेपी बड़े अंतर से जीत दर्ज करने जा रही है.
निकाय चुनाव में जीत का किया दावा
इससे पहले बरेली पहुंचे बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह चौधरी ने निकाय चुनाव (UP Municipal Elections) की तैयारियों के बारे में मीडिया से जानकारी साझा करते हुए बताया कि, निकाय चुनाव को लेकर उन्होंने अपना होमवर्क पूरा कर लिया है. उन्होंने लखीमपुर में हो रहे चुनाव को लेकर कहा कि पार्टी पूरी तैयारी के साथ चुनाव लड़ रही है. बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष ने सपा प्रमुख अखिलेश यादव पर निशाना साधते हुए कहा कि जिस तरह का अखिलेश यादव का स्वभाव है, उस स्वभाव में उन्होंने सहज अपनी हार स्वीकार नहीं है.
अखिलेश 4 चुनाव हार चुके हैं, विधानसभा के 2 और लोकसभा के दो चुनाव हार चुके हैं लेकिन उन सारे विषयों पर आकलन नहीं करेंगे. घर, परिवार, पार्टी, गठबंधन इन सारे विषयों पर वो नहीं सोचेंगे. पहले वो ईवीएम पर आरोप लगाते थे, अब कहीं न कहीं चुनाव में उनकी पराजय होनी है जिसका आभास उन्हें भी है.
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