Supreme Court: सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान एक ऐसा मामला सामने आया, जिसे लेकर कोर्ट में हंगामा हो गया. दरअसल, पिछले हफ्ते सुप्रीम कोर्ट में एक विशेष अनुमति याचिका की सुनवाई के दौरान अदालत में एक ऐसा लड़का पेश हुआ, जिसकी हत्या के मामले की सुनवाई चल रही थी.
पीलीभीत का रहने वाला एक 11 साल का लड़का सुनवाई करने वाली बेंच के सामने पेश हुआ और न्यायाधीशों को बताया कि अदालत में उसकी 'हत्या' के मामले की ही सुनवाई हो रही है. उसने कहा कि केस झूठा है और जिंदा है.
कोर्ट ने यूपी सरकार के भेजा नोटिस
लड़के ने दावा किया कि उसके पिता ने उसके नाना और मामाओं को उसकी हत्या के मामले में फंसाया. मामला सामने आने के बाद अदालत ने उत्तर प्रदेश सरकार, पीलीभीत के पुलिस अधीक्षक और पुलिस अधिकारी भी नोटिस जारी किया. मामले की अगली सुनवाई जनवरी 2024 में होगी.
नाना के साथ रह रहा था लड़का
टाइम्स ऑफ इंडिया से बात करते हुए लड़के के वकील कुलदीप जौहरी ने बताया कि लड़के को यह साबित करने के लिए अदालत में पेश होना पड़ा कि वह जिंदा है और अभी मरा नहीं है. उन्होंने कहा कि लड़का फरवरी 2013 से अपने नाना के साथ रह रहा था. लड़के का पिता उसकी मां को बेरहमी से पीटता था और परिवार से अधिक दहेज की मांग कर रहा था.
लड़के की मां के साथ मारपीट करता था पिता
जौहरी ने कहा कि लड़के के पिता ने मार्च 2013 में उसकी मां के साथ मारपीट की थी. इसके कारण वह घायल हो गईं और उनकी मौत हो गई. उसकी मौत के बाद उसके नाना ने अपने दामाद के खिलाफ आईपीसी की धारा 304-बी (दहेज हत्या) के तहत एफआईआर दर्ज कराई थी. इस बीच दामाद ने अपने बेटे की कस्टडी की मांग की थी, जिसके चलते दोनों परिवारों के बीच कानूनी लड़ाई शुरू हो गई.
ससुराल वालों पर लगाया बेटे की हत्या का आरोप
जौहरी के मुताबिक इस साल की शुरुआत में दामाद ने अपने ससुर और उनके चार बेटों पर अपने बेटे की हत्या का आरोप लगाया था. पुलिस ने उनके पर आईपीसी की धारा 302 (हत्या), 504 (जानबूझकर अपमान) और 506 (आपराधिक धमकी) के तहत मामला दर्ज किया.
जौहरी ने कहा, "उन्होंने एफआईआर को रद्द करने के लिए इलाहाबाद हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया, लेकिन अदालत ने उनकी याचिका खारिज कर दी, जिसके परिणामस्वरूप उन्हें लड़के के साथ उसके जिंदा होने के सबूत के तौर पर सुप्रीम कोर्ट में पेश करना पड़ा."