(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
CM Yogi Adityanath: सीएम योगी ने सुनाया सीजेआई चंद्रचूड़ का ऐसा किस्सा, जिसे सुन तालियों से गूंज उठा हॉल
CM Yogi Adityanath: सीएम योगी ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट में जाने से पूर्व इलाहाबाद उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश के रूप में चंद्रचूड़ का कार्यकाल प्रदेशवासियों और न्याय जगत के लिए स्मरणीय पल है.
CM Yogi Adityanath on Advocate: यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने बार और बेंच के बेहतर तालमेल पर जोर दिया है. डॉ. राम मनोहर लोहिया राष्ट्रीय विधि विश्विविद्यालय के दीक्षांत समारोह में 13 जुलाई को स्टूडेंट्स को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि बार और बेंच के बीच में बेहतर समन्वय बहुत जरूरी है. इस कार्यक्रम में चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया चंद्रचूड़ सिंह मुख्य अतिथि के रूप में पहुंचे.
सीएम योगी ने लॉ के स्टूडेंट्स से कहा, "एक आम आदमी आपके पास एक विश्वास के साथ आता है. हम लोग देखते हैं कि परिवार के विवाद होते हैं, लेकिन जब वह परिवार के विवाद को लेकर किसी अधिवक्ता के पास आता है तो अधिवक्ता जब उसे कहीं पर साइन करने को कहता है तो वह आंखें बंद करके कहीं भी साइन कर देता है. क्योंकि उसका यह विश्वास है. यह विश्वास आपकी सबसे बड़ी पूंजी है और यह विश्वास सामान्य नागरिक का बना रहना ही चाहिए चाहे फिर वह बार हो या बेंच हो. इस विश्वास पर खरा उतरना हम सबकी सबसे बड़ी चुनौती रही है.
सीजेआई की इस तरह की तारीफ
सीएम योगी आदित्यनाथ ने इस दौरान सीजेआई चंद्रचूड़ की भी जमकर तारीफ की. सीएम योगी ने कहा, "आज के भारत के मुख्य न्यायधीश चंद्रचूड़ जी का आशीर्वाद यहां के विद्यार्थियों को मिलता रहा है. इस अवसर पर उनकी उपस्थिति हम सभी को आलाहदित करती है. सुप्रीम कोर्ट में जाने से पूर्व इलाहाबाद उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश के रूप में उनका कार्यकाल उत्तर प्रदेश वासियों और न्याय जगत के लिए स्मरणीय पल है. उन बातों को आज भी उत्तर प्रदेश का वासी और न्याय जगत के विश्वास करने वाला हर व्यक्ति बड़े ही सकारात्मक भाव से सराहना करता है.
सीजेआई ने क्षेत्रीय भाषा पर दिया जोर
सीएम योगी ने आगे कहा, "मैं देख रहा था कि जब मुख्य न्यायाधीश महोदय उपाधि प्राप्त करने वाले धारकों से परिचय पूछने के साथ-साथ उनके वर्तमान कार्यों के बारे में भी पूछ रहे थे. मुझे देखकर प्रसन्नता हो रही थी कि इनमें से बहुत सारे उपाधि धारक न्यायिक क्षेत्र में अलग-अलग क्षेत्रों में जाकर अपनी सेवाएं दे रहे हैं. वहीं सीजेआई चंद्रचूड़ ने इस मौके पर कहा कि कानूनी शिक्षा में अंग्रेजी के साथ-साथ क्षेत्रीय भाषा को भी शामिल करना चाहिए.
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