नई दिल्ली: राजस्थान और मध्य प्रदेश में आतंक मचाने के बाद टिड्डियों का दल बुधवार को उत्तर प्रदेश के झांसी पहुंच गया. अब इससे निपटने के लिए सरकार कदम उठा रही है.


उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने टिड्डी दल पर नियंत्रण करने के लिए प्रदेश के सीमावर्ती जनपदों झांसी, ललितपुर, आगरा, मथुरा, शामली, मुजफ्फरनगर, बागपत, हमीरपुर, महोबा, बांदा, चित्रकूट, जालौन, इटावा एवं कानपुर देहात आदि जिलों में विशेष सतर्कता बरतने के निर्देश दिए हैं.


मुख्यमंत्री और कृषि मंत्री ने समीक्षा कर सम्बन्धित जिलों के जिलाधिकारियों और कृषि विभाग के अधिकारियों को टिड्डी दल से बचाव के लिए उचित कार्रवाई करने को कहा है.


बयान के अनुसार प्रदेश स्तर पर टिड्डी दल के नियंत्रण के लिए नियंत्रण कक्ष और टीमों का गठन किया जा चुका है, जो टिड्डी दलों के प्रदेश के सीमावर्ती क्षेत्रों में भ्रमण एवं उनकी गतिविधियों पर निगरानी रखकर सम्बन्धित जिलों को आवश्यक सुरक्षात्मक निर्देश जारी कर रहा है.


बयान में कहा गया है कि टिड्डियों द्वारा आक्रमण करने की स्थिति में एक साथ इकट्ठा होकर ढोल, नगाड़े, टीन के डब्बे, थालियां आदि को बजाते हुए शोर मचाने की एडवाइजरी भी जारी कर दी गयी है. कृषि विभाग के जनपदीय अधिकारियों को लोकस्ट वार्निंग आर्गनाइजेशन की तकनीकी टीम और क्षेत्रीय निवासियों/कृषकों से निरन्तर समन्वय बनाये रखने के निर्देश दिये गये हैं.


कैसे करें बचाव?
एक अधिकारी ने बताया कि टिड्डी दल को रात में खेत में बैठने से रोकने के लिए तेज आवाज की जाये, जैसे कनस्तर, ढोल व डीजे आदि बजाएं. अगर रात में टिड्डी दल खेत में बैठ जाये तो उनके ऊपर रासायनिक दवाइयों का प्रयोग ट्रैक्टर माउंटेड स्प्रेयर, पंप में क्लोरोपायरीफाश 20 प्रतिशत ईसी (1200 मिलीग्राम) या डेल्टामेथलीन 28 ईसी (400 मिलीग्राम) का तीव्र छिड़काव करें.