लखनऊः कोरोना के चलते पूरी दुनिया में आर्थिक संकट छा गया था और उत्तर प्रदेश में इससे अलग नहीं था. लेकिन कोरोना के बाद जब अनलॉक की शुरुआत हुई तो योगी सरकार ने अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए तमाम कदम उठाएं और अनलॉक के साथ ही इन उपायों का असर भी दिखने लगा. जुलाई-अगस्त और सितंबर में सरकार का रेवेन्यू बढ़ा.


लॉकडाउन की घोषणा के साथ ही वित्तीय वर्ष 2020- 21 के शुरुआती दो महीनों में प्रदेश सरकार को राजस्व में कई हजार करोड़ का नुकसान उठाना पड़ा, जिसके बाद अनलॉक में सरकार ने सबक लेते हुए कोविड-19 की गाइडलाइन के तहत बाजार खोलने के निर्देश दिए और सभी आर्थिक गतिविधियां शुरू हो गई. अब इसका सीधा असर प्रदेश की अर्थव्यवस्था पर पड़ा है. अर्थव्यवस्था एक बार फिर पटरी पर लौटती दिख रही है.


अक्टूबर में पिछले साल के मुकाबले 1828 करोड़ रुपए रेवेन्यू मिला
अक्टूबर महीने में उत्तर प्रदेश सरकार को जो राजस्व प्राप्त हुआ, वो है 10672 करोड़ रुपए. यह बीते साल अक्टूबर महीने में मिले रेवेन्यू से 1828 करोड़ रुपए अधिक है. हालांकि इस वित्तीय वर्ष में अक्टूबर महीने के लिए योगी सरकार ने राजस्व प्राप्ति का जो लक्ष्य रखा था, वह 12,282 करोड़ रुपए था, लेकिन कोरोना के चलते ये काफी बड़ा नजर आ रहा था.


धीरे-धीरे बाजारों में बढ़ती रौनक और त्योहारों के सीजन ने मंद बड़ी अर्थव्यवस्था को एक बार फिर से रफ्तार दे दी. अक्टूबर महीने में सरकार ने तय लक्ष्य का तकरीबन 87 फ़ीसदी राजस्व प्राप्त कर लिया.


सबसे ज्यादा राजस्व जीएसटी मद में मिला है. अक्टूबर महीने में प्रदेश सरकार को जीएसटी से तकरीबन 5598 करोड़ का रेवेन्यू प्राप्त हुआ जो तय किए गए लक्ष्य का लगभग 81 फ़ीसदी रहा. वहीं, वैट से सरकार को 1802 करोड़ का राजस्व मिला जो दिए गए टारगेट का तकरीबन 87 फ़ीसदी रहा.


आबकारी विभाग को लक्ष्य से ज्यादा मिला राजस्व
प्रदेश सरकार को अगर अपने लक्ष्य से ज्यादा कहीं से राजस्व मिला है तो वो आबकारी विभाग है. अक्टूबर महीने के लिए आबकारी विभाग से सरकार ने राजस्व प्राप्ति का जो लक्ष्य रखा था वह था 2250 करोड़ रुपए. लेकिन शराब के शौकीनों ने सरकार का खजाना भरने में कोई कमी नहीं की. खरीदारों ने जमकर शराब खरीदी तो खजाना सरकार का भर गया और आबकारी से मिलने वाले राजस्व के लिए जो लक्ष्य रखा गया था उससे भी 153 करोड़ रुपए ज्यादा रेवेन्यू मिला. इस तरह 100 फ़ीसदी से ज्यादा 106 फीसदी का लक्ष्य आबकारी विभाग ने हासिल कर लिया.


वहीं, स्टांप और निबंधन विभाग ने भी 97 फीसदी रेवेन्यू का लक्ष्य हासिल करते हुए 1805 करोड़ रुपए अक्टूबर महीने में जुटाए जबकि परिवहन विभाग से भी सरकार को 580 करोड़ों का राजस्व प्राप्त हुआ .


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