Akhilesh Yadav targets RSS and Yogi Government: उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने अब संघ की ताबड़तोड़ बैठकों पर निशाना साधा है. समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष ने कहा कि यूपी बचाने के लिए संघ चिंतन मनन कर रहा है. लेकिन अब समय ख़त्म हो चुका है. योगी आदित्यनाथ की सरकार को अब कोई ताक़त नहीं बचा सकती है. हाल के दिनों में चित्रकूट, वृंदावन और लखनऊ में आरएसएस के बड़े नेताओं की बैठकें हुई हैं. चित्रकूट में तो संघ प्रमुख मोहन भागवत ने हफ़्ते भर के लिए डेरा डाल दिया था. यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने कहा कि संघ और योगी सरकार मिल कर ऐसी साज़िशें रच रही है, जिससे ज़रूरी मुद्दों से जनता का ध्यान भटक जाए. किसान, मजदूर, बेरोज़गारी और कोरोना की दूसरी लहर के बाद बेहाल हुए लोगों पर बहस ही न हो. अखिलेश यादव की मानें तो संघ इन बैठकों के ज़रिए इसी रणनीति पर काम कर रहा है.
लोकसभा की बैठक में शामिल होने के लिए अखिलेश यादव दिल्ली निकल गए हैं. उससे पहले लखनऊ में उन्होंने पार्टी नेताओं के साथ कई दौर की बैठक की. पूर्व मंत्री फ़रीद महफ़ूज़ किदवई के घर जाकर उनका जन्म दिन मनाया. इन दिनों अखिलेश अपनी पार्टी के रूठे हुए नेताओं को मनाने और समझाने में भी जुटे हैं. पार्टी नेताओं के साथ मीटिंग ख़त्म होने के बाद अखिलेश ने यूपी चुनाव को लेकर संघ पर हमले किए.
उन्होंने आरोप लगाया कि साढ़े चार साल की सरकार में भी बीजेपी के पास गिनाने के लिए एक भी योजना नहीं है. प्रशासन पर उसकी पकड़ न होने से हर मोर्चे पर विफलता मिली है. हवाई वादों और कागजी सफलताओं के प्रचार से जनता ऊबी हुई है. बीजेपी का मातृ संगठन इन हालातों से चिंतित है और लगातार चिंतन-मनन में जुटा है. इन बैठकों से अब तक एक ही निष्कर्ष निकला है कि गुमराह करने की रणनीति ही काम आएगी. पर वे भूलते हैं कि काठ की हांडी बार बार नहीं चढ़ती है.
अखिलेश यादव ने कहा कि बीजेपी की वादों की भूलभुलैया जब बेनकाब होने लगी है तो भाजपा के साथ राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ सत्ता पर काबिज होने के लिए व्याकुल हो उठा है. चित्रकूट में 5 दिन, वृंदावन में 5 दिन की कार्यशाला के बाद लखनऊ में मैराथन बैठकों से जाहिर हो गया है कि भाजपा के समानांतर आरएसएस है और भाजपा उसकी कठपुतली है. इन दोनों के चंगुल से लोकतंत्र को मुक्त कराने का काम समाजवादी पार्टी ही कर सकती है.
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