Grain ATM: राशन की दुकान पर लंबी-लंबी कतारें अब पुरानी बात, लखनऊ में आ गया ग्रेन ATM, जानें कैसे मिलता है गेहूं-चावल
Grain ATM: लखनऊ के जानकीपुरम इलाके में एक राशन की दुकान चर्चा का विषय बन गई है. यहां राशन के लिए एटीएम मशीन का इस्तेमाल किया जा रहा है.
Grain ATM: राशन की सरकारी दुकानों की छवि हमेशा से ही ऐसी रही है जहां दुकान के बाहर भीड़ शोर-शराबा अव्यवस्था देखने को मिलती है. लोग यहां दुकान चलाने वाले व्यक्ति पर आरोप लगते हैं की समान की मात्रा गुणवत्ता गड़बड़ कर रहा है, लेकिन क्या आप जानते हैं अब ये सारा काम बायोमेट्रिक स्कैन से होने लगा है. जी हां लखनऊ में सरकारी राशन की दुकान पर गेहूं और चावल देने के लिए एक आधुनिकतम मशीन का प्रयोग हो रहा है.
लखनऊ के जानकीपुरम इलाके में एक राशन की दुकान चर्चा का विषय बन गई है, क्यों कि इस राशन की दुकान के आगे ना लाइन रहती है ना शोर-शराबा होता है. जानकारी के मुताबिक इस राशन की दुकान में राशन देने के लिए मशीन का प्रयोग किया जा रहा है. इस मशीन को एटीएम कहा जाता है. ग्रीन एटीएम मशीन लोगों के बीच चर्चा का विषय बनी हुई है. जो काम पहले मैनुअली एक आदमी पर 10 मिनट से ज्यादा का समय लेता था वही काम अब मशीन की मदद से 2 मिनट में हो जाता है.
उत्तर प्रदेश: लखनऊ में पहले 'ग्रेन एटीएम' की शुरुआत हुई। पहले उपभोक्ताओं को तराजू से तौलकर चावल, गेहूं आदि दिए जाते थे, अब ग्रेन एटीएम के माध्यम से उपभोक्ताओं को राशन वितरित करने का काम किया जाएगा।
— ANI_HindiNews (@AHindinews) March 16, 2023
एक उपभोक्ता ने बताया, "पहले जो राशन कम मिलता था उसकी भी शिकायत नहीं आएगी।"(16.03) pic.twitter.com/jXLfnzeF5w
कैसे मिलता है ग्रीन एटीएम से राशन
राशन लेने के लिए सबसे पहले राशन कार्ड का नंबर बताना पड़ता है.जिसके बाद बायोमेट्रिक सिग्नेचर लगता है और फिर मशीन पर शख्स के लिए जितना अनाज र्निधारित है वह मशीन पर लिखकर आ जाता है.इसके बाद जैसे एटीएम से पैसे निकलते है उसी तरह मशीन से तय की गई मात्रा के अनुसार अनाज निकलता है.
12 से 15 लाख रुपए आती है लागत
राशन की दुकान में काम करने वाले शख्स ने कहा कि दुकानों पर सामान्यता लोग परेशान ही रहते हैं पर यहां तस्वीर बदली हुई दिख रही है. उन्होंने कहा कि इसके लिए अब कतारे नहीं लगी है.उन्होंने कहा कि राशन लेने आए लोग भी इस बदलाव खुश है.दुकान में राशन लेने आए शख्स ने बताया कि पहले बड़ी दिक्कत आती थी शोर शराबा होता था पर अब तो तुरंत तुरंत काम हो जा रहा है. उन्होंने कहा कि उन्हें अनाज गुणवत्ता भी अच्छी दिख रही है और यह भी डर नहीं है दुकानदार कुछ गड़बड़ करेगा. यह मशीन क्रेन मशीन पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर लगाई गई है. जानकारी के मुताबिक पूरे प्रदेश में तीन मशीनें लगाई गई हैं. इस मशीन की पूरी लागत 12 से 15 लाख रुपए आती है.