Kanpur News: अल्पसंख्यक आयोग ने यूपी के कानपुर में मदरसा के छात्रों के साथ पहनावे के आधार पर भेदभाव करने के मामले में आरपीएफ के जवानों को दोषी करार दिया है. अल्पसंख्यक आयोग ने सभी दोषी आरपीएफ जवानों पर कार्रवाई करने का आदेश दिया है. 


मामले की सुनवाई के बाद राज्य अल्पसंख्यक आयोग ने इसे भेदभावपूर्ण माना है. दरअसल, 24 अप्रैल को मदरसे के सभी छात्र  ईद की छुट्टियों के बाद कानपुर वापस आ रहे थे. आरोप है कि टोपी-पाजामा में बच्चों को देखकर RPF ने उन पर कार्रवाई की थी. 


आयोग ने दंडात्मक कार्रवाई की संस्तुति की


दोषी अधिकारियों व कर्मचारियों के खिलाफ अल्पसंख्यक आयोग ने दंडात्मक कार्रवाई की संस्तुति की है. अल्पसंख्यक आयोग ने रेलवे सुरक्षा बल नार्थ सेंट्रल रेलवे के वरिष्ठ मंडल सुरक्षा आयुक्त को निर्देश देते हुए कहा है कि कार्रवाई होने के बाद उन्हें वो इसकी सूचना दें. 


जानें क्या है पूरा मामला


घाटमपुर के मदरसा इस्लामिया के प्रधानाचार्य ने आरोप लगाया था कि कानपुर सेंट्रल पर मदरसे के 14 छात्र को  रेलवे सुरक्षा बल के उपनिरीक्षक अमित द्विवेदी और अन्य रेलवे कर्मियों ने छात्रों को रोक लिया था. इस दौरान बच्चों ने अपने सारे दस्तावेज दिखाए और उनके पास टिकट भी था. इसके बाद भी बच्चों को बाल सुधार गृह भेज दिया था. इसके अलावा बच्चों को उस दिन दोपहर से रात 11 बजे तक भूखा-प्यासा रखा गया. 


प्रधानाचार्य ने इसके बाद उत्तर प्रदेश अल्पसंख्यक आयोग में शिकायत दर्ज कराई थी. इसमें उन्होंने कहा था कि सभी छात्रों के पास वैध टिकट, पहचानपत्र और जरूरी दस्तावेज होने के बाद भी RPF ने उन पर कार्रवाई की. 


28 मई को हुई थी सुनवाई 


आयोग ने इस मामले पर सुनवाई 28 मई को की थी. इसके बाद ये फैसला सुनाया गया है. रेलवे सुरक्षा बल की तरफ से 15 मई को अमित द्विवेदी, उपनिरीक्षक उपस्थित हुए थे, लेकिन वो अपने पक्ष में कोई ठोस बात नहीं रख पाए थे.