Pilibhit Flood: उत्तर प्रदेश के पीलीभीत में लगातार बारिश हो रही है. बनवसा बैराज से शारदा नदी में छोड़े गए पानी से शारदा सागर डैम की सुरक्षा के लिए बनाए गए रमनगरा के कच्चे बांध बह गए. इससे कई इलाकों में पानी घुस गया. पानी घुसने के कारण कई इलाके खाली कराए गए हैं, वहीं पानी का बहाव तेज होने से कई गांवों के लोग फंस गए हैं, जिनहें एयरलिफ्ट किया गया. वायुसेना (Indian Air Force) के हेलीकॉप्टर के जरिए पीलीभीत के नगरिया के पास एचएडीआर ऑपरेशन की मदद से महिलाओं, बुजुर्गों और बच्चे समेत 21 फंसे लोगों को एयरलिफ्ट किया गया.
पीलीभीत में कई दिनों से हो रही बारिश से लोगों का जीवन अस्त-व्यस्त हो गया है. शारदा नदी का जलस्तर बढ़ने से 12 गांवों में पानी घुस चुका है. गांवों और शारदा सागर डैम की सुरक्षा के लिए बनाया गया रमनगरा बांध मंगलवार को धाराशायी हो गया. बता दें कि पहाड़ों पर लगातार हो रही बारिश से सोमवार को ही शारदा नदी का जलस्तर खतरे के निशान पर पहुंच गया था और देर रात जलस्तर बढ़ने से कई गांवों में पानी घुसने लगा था.
वहीं, उत्तराखंड में बारिश ने चारों ओर तबाही मचाई है. इस बारिश ने 107 साल का रिकॉर्ड भी तोड़ दिया है. कुमाऊं के मुक्तेश्वर में जहां बारिश ने 107 साल का रिकॉर्ड तोड़ा, तो वहीं पंतनगर में 31 साल का पुराना रिकॉर्ड टूटा है. मुक्तेश्वर में पिछले 24 घंटों में 340.8 मिलीमीटर बारिश हुई. इससे पहले मुक्तेश्वर में 107 साल पहले 18 सितंबर 1914 में 254.5 मिलीमीटर बारिश हुई थी.
उत्तराखंड में 17 अक्टूबर से 19 अक्टूबर तक तबाही वाली बारिश हुई. इसका पूर्वानुमान मौसम विभाग ने पहले ही जता दिया था, जिसको देखते हुए सभी जिलों को अलर्ट पर रखा गया था, लेकिन कुमाऊं में बारिश इस कदर बरसी की रिकॉर्ड तो टूटे ही कई लोगों की जान भी चली गई. मौसम विभाग के आंकड़ों के मुताबिक मुक्तेश्वर में 107 साल पुराना रिकॉर्ड टूटा. वहीं पंतनगर में 24 घंटों में 403.9 मिलीमीटर बारिश ने पिछले 31 सालों का रिकॉर्ड तोड़ा.
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