उज्जैनः कानपुर के कुख्यात बदमाश विकास दुबे का खात्मा होने के बाद भी उज्जैन पुलिस की परेशानी खत्म नहीं हुई है. उत्तर प्रदेश पुलिस ने एक ऐसा सवाल पूछ लिया है जिसे लेकर उज्जैन का पूरा पुलिस महकमा परेशान है और तीन अधिकारियों को सवाल का जवाब सुलझाने की जिम्मेदारी दी गई है. यूपी पुलिस ने विकास दुबे की गिरफ्तारी को लेकर उस पर रखा गया 5 लाख का इनाम किसे दिया जाए इस पर सवाल किया है?
महाकाल मंदिर से गिरफ्तार हुआ था विकास दुबे
उत्तर प्रदेश के कुख्यात बदमाश विकास दुबे की उज्जैन के महाकालेश्वर मंदिर के निर्गम द्वार से गिरफ्तारी हुई थी. 9 जुलाई को हुई गिरफ्तारी के बाद 10 जुलाई की सुबह विकास दुबे का एनकाउंटर हो गया था. इस एनकाउंटर के बाद उत्तर प्रदेश पुलिस का एमपी पुलिस के पास एक पत्र आया है. इस पत्र में यह पूछा गया है कि विकास की गिरफ्तारी को लेकर रखा गया इनाम किसे दिया जाए? इस सवाल का जवाब ढूंढने के लिए उज्जैन एसपी मनोज कुमार सिंह ने तीन एडिशनल एसपी की ड्यूटी लगाई है. एसपी ने बताया कि अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक अमरेंद्र सिंह, रूपेश द्विवेदी और आकाश भूरिया इस बात का पता लगा रहे हैं कि विकास की गिरफ्तारी में किस का क्या रोल रहा है?
कमेटी करेगी 5 लाख के इनाम का फैसला
उज्जैन एसपी मनोज कुमार सिंह ने बताया कि विकास दुबे की गिरफ्तारी को लेकर उज्जैन पुलिस का काफी महत्वपूर्ण रोल रहा है लेकिन इसकी गिरफ्तारी में फुल प्रसाद बेचने वाले सुरेश कहार और महाकाल मंदिर समिति के निजी सुरक्षाकर्मियों की भूमिका भी महत्वपूर्ण है. कमेटी सभी का रोल सुनिश्चित करते हुए उन्हें मिलने वाले सम्मान का प्रतिशत तय करेगी.
अभी जारी है पेपर वर्क
इनाम को लेकर की जा रही जांच कमेटी के सदस्य एडिशनल एसपी अमरेंद्र सिंह चौहान ने बताया कि अभी पेपर वर्क चल रहा है, जैसे ही सब कुछ डिसाइड हो जाएगा वैसे ही बताया जाएगा.
भगवान महाकाल साक्षी है
महाकाल मंदिर के बाहर फुल, प्रसाद बेचने वाले सुरेश कहार ने सबसे पहले विकास दुबे को पहचाना था. इसके बाद निजी सुरक्षाकर्मियों और पुलिस की मदद से उसे गिरफ्तार किया गया. सुरेश कहार ने इनाम को लेकर कहा कि "भगवान महाकाल साक्षी है और उसकी ही भूमिका सबसे ज्यादा है" लेकिन अधिकारियों का फैसला सर्वमान्य रहेगा.
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