उत्तर प्रदेश: कोयला न मिला तो और गहरा सकता है बिजली संकट, कई पावर प्लांट में एक दिन से भी कम का कोयला
बिजली उत्पादन कम होने की वजह से प्रदेश के गांवों में 4 घंटे से 9 घंटे तक बिजली कटौती हो रही है. इसके अलावा शहरों में भी अघोषित बिजली कटौती की जा रही है
नई दिल्ली: यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने केंद्र सरकार को चिट्ठी लिख कर कोयले की सप्लाई में कमी न होने देने की मांग की है. कोयले की कमी के कारण यूपी में बिजली संकट गहराने लगा है. देहात इलाक़ों में बिजली कटौती से लोग बेहाल हैं. शहरों में भी बिजली की आंख मिचौली शुरू हो गई है. त्योहार के समय ऐसा होने से उत्सव की रंग फीका होने लगा है.
कोयले की कमी से पैदा हुआ बिजली संकट दशहरे तक खीच सकता है. बिजली उत्पादन कम होने की वजह से प्रदेश के गांवों में 4 घंटे से 9 घंटे तक बिजली कटौती हो रही है. इसके अलावा शहरों में भी अघोषित बिजली कटौती की जा रही है. मांग के मुकाबले पावर कॉरपोरेशन करीब 3,000 मेगावाट कम बिजली की सप्लाई कर पा रहा है.
यूपी में बिजली व्यवस्था का दारोमदार राज्य के अपने चार बिजलीघरों के अलावा निजी क्षेत्र के आठ और एनटीपीसी के करीब डेढ़ दर्जन बिजलीघरों से मिलने वाली बिजली पर है. कोयले की कमी से लगभग 6873 मेगावाट क्षमता की इकाइयां या तो बंद हुई हैं या उनके उत्पादन में कमी करनी पड़ी है.
यूपी विद्युत उत्पादन निगम के पावर प्लाटों में अधिकतम ढ़ाई दिन का कोयला मौजूद है. इसमें से कुछ प्लांट ऐसे हैं, जिसमें एक दिन या फिर एक दिन से भी कम कोयले का स्टॉक मौजूद है. यानि अगर पावर प्लांटों को जल्द कोयला नहीं मिलता है, तो प्रदेश के कुछ और पावर प्लांट कोयले की कमी से बंद हो सकते हैं. सबसे कम कोयला उत्पादन निगम के पारीछा पावर प्लांट में है. कोयले की कमी से उत्पादन निगम के पावर प्लांटों से करीब 1100 मेगावाट कम बिजली का उत्पादन हो रहा है.
पावर प्लांट |
किस पावर प्लांट में बचा कितना कोयला |
प्लांट स्टॉक जरूरत |
कितने दिन का स्टॉक |
हरदुआगंज |
8315 |
8000 |
1 दिन |
पारीछा |
12,539 |
15000 |
0.75 दिन |
अनपरा |
82967 |
40000 |
2 दिन |
ओबरा |
40461 |
16,000 |
2.5 दिन |
कोयले की आपूर्ति फिलहाल अगले कुछ दिन तक बढ़ने की उम्मीद नहीं है. ऐसे में अब मौसम की आस है, अगर गर्मी और उमस में कमी आती है, तो बिजली की मांग में गिरावट आएगी. जिससे बिजली संकट कुछ कम हो सकता है. जो पावर प्लांट कोयले की कमी से बंद चल रहे हैं, उन्हें 15 अक्टूबर से पहले कोयले की पर्याप्त आपूर्ति होने की उम्मीद कम है. जो यूनिटें बंद चल रही हैं उससे करीब 2600 मेगावाट बिजली का उत्पादन कम हुआ है. कोयले की कमी से बंद चल रही आठ यूनिटों में ललितपुर की दो, रोजा की एक, ऊंचाहार की एक, हरदुआगंज और पारीछा की दो-दो यूनिटें हैं.
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