Prayagraj Magh Mela 2022: देश में कोरोना के बढ़ते मामलों के बीच उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में माघ मेले का आयोजन हो रहा है. आस्था का ये मेला कोरोना का सुपर स्प्रेडर हो सकता है. आज यानी शुक्रवार को मकर संक्रांति के मौके पर लाखों लोग स्नान करेंगे. मेले में कोरोना विस्फोट हो चुका है. लगातार ये अपील हो रही है कि मेला रद्द होना चाहिए, लेकिन प्रयागराज में ये मेला लग रहा है. ऐसे में सवाल ये कि महामारी के दौर में ये मेला क्यों? 47 दिनों तक चलने वाले इस आयोजन के दौरान लाखों की तादाद में श्रद्वालु गंगा में स्नान करेंगे.
लाखों की भीड़ के हिसाब से ही तैयारी भी बड़ी की गई है. लेकिन कोरोना महामारी की तीसरी लहर के बीच हो रहे इस मेले पर सवाल खड़े हो रहे हैं और ऐसा इसलिए क्योंकि माघ मेले में कोरोना का वायरस एंट्री मार चुका है. इस बीच, माघ मेले में 18 और लोग कोरोना वायरस से संक्रमित पाए गए हैं. अब तक कुल 70 लोग संक्रमित हो चुके हैं. यह आंकड़े मकर संक्रांति पर आने वाले श्रद्धालुओं की भीड़ से पहले के हैं. सिर्फ पुलिसकर्मियों और चुनिंदा लोगों की जांच के ही ये आंकड़े हैं. आज से भीड़ बढ़ने के बाद अगर जांच हुई तो बड़ी संख्या में संक्रमित सामने आ सकते हैं.
कोरोना बम फूटने के बाद भी माघ मेले के हालात नहीं बदले हैं. सरकार दावे तो तमाम कर रही है, लेकिन जमीनी हकीकत में बस लापरवाही नजर आ रही है. सोमवार यानी 17 जनवरी से पौष पूर्णिमा की शुरुआत है. 1 लाख से ज्यादा संत, महात्मा यहां कल्पवास करेंगे. माघ मेले को भव्य बनाने के लिए सरकार ने तैयारियां पुख्त की है. पौने दो करोड़ का टेंडर निकालकर दो दर्जन से ज्यादा झूले और प्रदर्शनियों का इंतजाम किया गया है. लेकिन कोरोना के कारण ये सभी जानकारियां चिंता को बढ़ा रही है. हालांकि प्रशासन की तरफ से कोविड नियमों के पालन के बड़े-बड़े दावे किए जा रहे हैं.
तमाम दावों के बाद भी सवाल बरकरार है कि आखिरकार...
- महामारी के दौर में माघ मेला क्यों ?
- क्या माघ मेला जान से ज्यादा जरूरी है ?
-कोरोना विस्फोट के बाद क्या मेले से मुसीबत नहीं बढ़ेगी ?
ऐसे में उम्मीद अब हाई कोर्ट पर टिकी है, जहां मेला रोकने के लिए याचिका दाखिल की गई है. लेकिन हाईकोर्ट ने तुरंत सुनवाई करने से इनकार कर दिया है. अब हाई कोर्ट इस मामले को रेगुलर केस मानकर ही सुनवाई करेगा. उम्मीद है कि सोमवार को इस मामले पर सुनवाई होगी.
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