यूपी के कासगंज में आज भी हुई हिंसा, कमिश्नर ने माना-पुलिस से हुई कोताही
देश गणतंत्र दिवस का जश्न मना रहा था और कासगंज जंग का मैदान बन गया. दरअसल कल सुबह VHP और ABVP के लोगों ने गणतंत्र दिवस के मौके पर तिरंगा यात्रा निकाली थी.
लखनऊ: गणतंत्र दिवस पर उत्तर प्रदेश के कासगंज में लगी हिंसा की आग आज भी जारी है. कल तिरंगा रैली के बाद हिंसा में मारे गए युवक चंदन के अंतिम संस्कार के बाद आज फिर हिंसा भड़की. उपद्रवियों ने कई दुकानों को आग लगा दी. कासगंज के सांप्रदायिक बवाल में घायल हुए दो लोगों को अलीगढ़ के मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया है. इनमें से एक लखीमपुर खीरी से अलीगढ आ रहा अकरम है तो दूसरा कासगंज का ही रहने वाला नौशाद है.
49 लोग गिरफ्तार, कमिश्नर ने मानी सुरक्षा में चूक बता दें कि अभी तक 49 लोगों को गिरफ्तार किया गया है.यूपी के एडीजी आनंद कुमार ने कहा कि जल्द ही मामले को शांत कर लिया जाएगा. अलीगढ़ डिवीजन के कमिश्नर सुभाष शर्मा का बड़ा बयान सामने आया है. उन्होंने माना है कि सुरक्षा में कमी हुई और कुछ लोगों ने अपनी ड्यूटी सही से नहीं निभाई. हम चिन्हित करके कार्रवाई करेंगे.
फिलहाल स्थिति को देखते हुए प्रशासन के आला अधिकारी मौके पर मौजूद हैं. कासगंज में पांच कंपनी पीएसी, एक कंपनी रैपिड एक्शन फोर्स तैनात की गई है. एडीजी ज़ोन, आईजी रेंज भी मौके पर हैं.
कासगंज की सीमाएं सील की गईं प्रशासन ने एतिहातन जिले की सभी सीमाओं को सील कर दिया है. कासगंज आने-जाने वाले वाहनों पर प्रतिबंध लगा दिया गया है. उत्तर प्रदेश की डीजी ने एक आई रैंक के अधिकारी डीके ठाकुर को कासगंज भेजा है. डीके ठाकुर को इस तरह की परिस्थितियों से निपटने में एक्सपर्ट माना जाता है.
बीजेपी सांसद का 'भड़काऊ बयान' विवाद के बीच एटा-कासगंज से बीजेपी सांसद राजवीर सिंह का एक वीडियो सामने आया है. जिसमें वो भड़काऊ भाषण देते नजर आ रहे हैं. बताया जा रहा है कि ये वीडियो कल का है. वीडियो में राजवीर सिंह कह रहे हैं कि हमारा आदमी स्वर्गवासी हुआ है, हम इस मामले की जांच यहां के किसी अधिकारी से नहीं कराएंगे.
क्या है पूरा मामला? कासगंज में शुक्रवार को विश्व हिन्दू परिषद और अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के लोगों ने तिरंगा यात्रा निकाली. आरोप है कि एक समुदाय विशेष के लोगों ने बाइक पर निकली तिरंगा यात्रा पर पथराव किया जिसके बाद हिंसा भड़क गई. हिंसा में चंदन नाम के युवक की मौत हो गई. कासगंज के जिला अधिकारी आर पी सिंह ने बताया कि तिरंगा यात्रा की कोई परमीशन नही ली गयी थी.
हिंसा में जान गंवाने वाले चंदन के पिता ने की शांति की अपील हिंसा में मारे गए चंदन के पिता शहर में शांति की अपील कर रहे हैं. चंदन के पिता ने कहा, "बच्चे भारत माता की जय और वंदे मातरम् कहते हुए अपने हाथों में झंडे लेकर जा रहे थे. तहसील रोड पर कुछ लोगों ने मुझे बताया कि एक समुदाय विशेष के लोगों ने कहा कि इधर से क्यों कह रहे हो. बाद में गाड़ी में डंडे वगैरह घुसाकर फायरिंग कर मेरे बच्चे को मार दिया. मैं यही चाहता हूं कि शहर में शांति बनी रहे." बवाल में हुई गोलीबारी में नौशाद नाम का युवक भी जख्मी हुआ है.
हिंसा स्थल से थाना महज़ 100 कदम दूर, फिर भी हुई हिंसा
पुलिस थाने से 100 कदम की दूरी पर हुई घटना आपको बता दें कि जहां ये सारा बवाल मचा उस जगह से थाना बेहद करीब है. लेकिन पुलिस पर आरोप लग रहे हैं कि वक्त रहते वो हिंसा नहीं रोक पाई. कोतवाली थाना हिंसा की जगह से महज 100 कदम की दूरी पर है. पुलिस पर देर से आने के आरोप लगे रहे हैं लेकिन पुलिस कह रही है कि वो समय रहते पहुंच गई थी. पुलिस का कहना है कि परेड की वजह से पुलिस तुरंत आ गई थी और मौके को काबू में कर लिया था.
पुलिस ने कहा- देर से पहुंचने की बात गलत पुलिस ने कहा, "नहीं बिल्कुल नहीं, (देर से आने वाली बात) गलत बात है. 10 मिनट में सब लोग आ गए थे." यूपी के एडीजी (कानून व्यवस्था) आनंद कुमार का कहना है, "इस समय पूरी फोर्स वहां पर लगी हुई है. जिला प्रशासन के अधिकारी वहां मौजूद हैं. इस समय स्थिति तनावपूर्ण जरूर है लेकिन नियंत्रण में है. किसी प्रकार की हिंसा नहीं हो रही है. कासगंज में चारों तरफ अब पुलिस का पहरा है. आसपास के इलाकों से भी सुरक्षा बल मंगा लिए गए हैं. रात भर सुरक्षा बलों की गश्त होती रही."