Ankita Bhandari Murder Case: अंकिता भंडारी मर्डर केस में सुप्रीम कोर्ट ने उत्तराखंड सरकार से मांगी जांच की स्टेटस रिपोर्ट
Uttarakhand: अंकिता भंडारी के माता-पिता की ओर से दायर याचिका में उत्तराखंड हाईकोर्ट के 21 दिसंबर, 2022 के उस आदेश को चुनौती दी गई थी, जिसमें उसने सीबीआई जांच की मांग खारिज कर दी थी.

Supreme Court Order on Ankita Bhandari Murder Case: सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को उत्तराखंड सरकार से 19 वर्षीय अंकिता भंडारी मर्डर केस में की गई जांच पर अभी तक की स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करने को कहा है. जस्टिस केएम जोसेफ और बीवी नागरत्ना की पीठ, ने अंकिता भंडारी के परिवार के सदस्यों की तरफ से दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए यह आदेश दिया.
दरअसल, याचिकाकर्ता के वकील ने इस मामले में सीबीआई जांच की मांग करते हुए अभी तक की जांच की स्टेटस रिपोर्ट की मांग की थी. इसके बाद अदालत ने इसे लेकर आदेश दिया.
ऋषिकेश के पास एक रिजॉर्ट में काम करती थी अंकिता
अंकिता भंडारी ऋषिकेश के पास वनंतरा रिजॉर्ट में एक रिसेप्शनिस्ट के रूप में काम करती थी. आरोप है कि उसके मालिक पुलकित आर्य (भाजपा नेता विनोद आर्य के बेटे) और उसके दो साथियों ने मिलकर अंकिता की हत्या कर दी थी. तब यह सामने आया था कि अंकिता की हत्या सिर्फ इसलिए की गई, क्योंकि उसने एक वीआईपी गेस्ट को अतिरिक्त सेवाएं देने से इनकार कर दिया था.
राज्य पुलिस की जांच में कई खामियों के बारे में बताया
अंकिता भंडारी की हत्या के बाद आरोपियों पर कार्रवाई की मांग को लेकर हुए विरोध प्रदर्शनों के बीच विनोद आर्य को भाजपा से निष्कासित कर दिया गया था. सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ताओं के वकील ने जांच के तरीके पर कई सवाल उठाए और दावा किया कि राज्य पुलिस की ओर से की गई जांच में कई खामियां थीं.
इस वजह से पीड़ित परिवार ने किया सुप्रीम कोर्ट का रुख
एक पत्रकार और अंकिता भंडारी के माता-पिता की ओर से दायर इस याचिका में उत्तराखंड उच्च न्यायालय के 21 दिसंबर, 2022 के उस आदेश को चुनौती दी गई थी जिसमें उसने सीबीआई जांच की मांग खारिज कर दी थी. तब उच्च न्यायालय ने कहा था कि एक एसआईटी पहले से ही मामले की जांच कर रही है और इस पर संदेह नहीं किया जाना चाहिए. पर अब तक कोई बड़ी कार्रवाई न होने से नाराज परिवार ने एक बार फिर कोर्ट का रुख किया.
ये भी पढ़ें
Hardeep Puri: 'पूरा विश्वास है कि भारत 2047 तक विश्व गुरु बन जाएगा', बोले केंद्रीय मंत्री हरदीप पुरी
ट्रेंडिंग न्यूज
टॉप हेडलाइंस
