चीन से सटे उत्तराखंड के दो दिवसीय दौर पर सेना प्रमुख नरवणे, आज जाएंगे कुमाउं रेंज के पिथौरागढ़
पिथौरागढ़ के कालापानी और लिपूलेख ट्राइजंक्शन (भारत-चीन-नेपाल बॉर्डर) को लेकर ही हाल ही में भारत और नेपाल के संबंधों में तल्खी आ गई थी. हालांकि सेना प्रमुख के नेपाल दौरे के बाद संबंध पटरी पर लौटते नजर आ रहे हैं.
नई दिल्ली: सेना प्रमुख एमएम नरवणे दो दिवसीय दौरे पर चीन से सटे उत्तराखंड के दौरे पर हैं. सेना प्रमुख आज कुमाउं रेंज के पिथौरागढ़ का दौरा करेंगे और सुरक्षा तैयारियों की समीक्षा करेंगे. बता दें कि बुधवार को जनरल नरवणे ने गढ़वाल रेंज के जोशीमठ का दौरा किया और वहां भी सेना की सुरक्षा स्थितियों और ऑपरेशनल तैयारियों का जायजा लिया.
पिथौरागढ़ के कालापानी और लिपूलेख ट्राइजंक्शन (भारत-चीन-नेपाल बॉर्डर) को लेकर ही हाल ही में भारत और नेपाल के संबंधों में तल्खी आ गई थी. लेकिन पिछले हफ्ते जनरल नरवणे के नेपाल दौरे से दोनों देशों के संबंध एक बार फिर से पटरी पर लौटते नजर आ रहे हैं.
चीन से LAC पर तनाव कम करने पर विचार आपको बता दें कि पिछले छह महीने से पूर्वी लद्दाख से सटी एलएसी पर विवाद खत्म करने के लिए सेना और सरकार एक खास ‘प्रपोज़ल’ पर विचार कर रही है. इस तीन-सूत्रीय प्रपोज़ल के तहत चीनी सेना फिंगर नंबर 8 से पीछे जाने के लिए तैयार है. बर्शेते भारतीय सेना को भी फिंगर 2 पर बनी अपनी स्थायी चौकी पर लौटना होगा.
साथ ही पैंगोंग-त्सो के दक्षिण में कैलाश हिल रेंज से भी दोनों देशों की सेनाएं पीछे हट सकती हैं. इसके अलावा दोनों देश चुशूल-मोल्डो सेक्टर से टैंक और तोपों को पीछे हटा सकते हैं. सूत्रों के मुताबिक, आठवें दौर की कोर कमांडर स्तर की मीटिंग में एलएसी पर तनाव कम करने के लिए कुछ प्रपोज़ल सामने आए थे. उनमें से तीन सुझावों पर भारतीय सेना और सरकार की टॉप-लीडरशिप गहन विचार कर रही है.
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