Uttarakhand Glacier Burst: उत्तराखंड में बद्रीनाथ और माणा गांव के पास आए हिमस्खलन में फंसे 57 मजूदरों में से 32 का रेस्क्यू कर जिंदा बाहर निकाल लिया गया है. रेस्क्यू कर बचाए गए कुछ मजदूरों की हालत गंभीर बताई जा रही है. उन्हें माणा गांव के पास आईटीबीपी कैंप में भेज दिया गया है.
चमोली जिले में स्थित सीमांत गांव माणा के पास ऊंचाई वाले क्षेत्र में बर्फ हटा रहे सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) के मजदूर फंसे हुए थे. बद्रीनाथ से करीब तीन किलोमीटर दूर माणा भारत-तिब्बत सीमा पर बसा आखिरी गांव है जो 3200 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है. खराब मौसम के कारण फिलहाल रेस्क्यू रोक दिया गया है.
रेस्क्यू ऑपरेशन में खराब मौसम बना चुनौती
चमोली के जिला मजिस्ट्रेट संदीप तिवारी बताया कि बर्फ में फंसे मजदूरों को बचाने के लिए कई टीमें लगी हुई है, लेकिन इन इलाकों में मौसम चुनौतीपूर्ण बना हुआ है. उन्होंने कहा कि अभी तक किसी के हताहत होने की कोई खबर नहीं है. उत्तराखंड के सीएम पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि बर्फ में फंसे मजदूरों को सुरक्षित निकालने के लिए सभी प्रयास किए जा रहे हैं. उन्होंने कहा कि राज्य की आपदा प्रबंधन टीम और पूरा प्रशासन पूरी तरह सतर्क है.
अभी तक के बड़े अपडेट
- मजदूरों को बचाने के लिए सेना, एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमें तैनात कर दी गई हैं. पूरे इलाके में घुटनों तक बर्फ है. खराब मौसम ने बचावकर्मियों के लिए मुश्किलें खड़ी कर दी है.
- उत्तराखंड के सीएम ने बताया कि आईटीबीपी, सेना और वायु सेना के जवान और स्थानीय अधिकारी बचाव अभियान में जुटे हुए हैं. उन्होंने कहा कि खराब मौसम और कम विजिबिलिटी की वजह से हेलीकॉप्टर से रेस्क्यू नहीं हो पा रहा है.
- भारी बर्फबारी के चलते आईटीबीपी ने रेस्क्यू ऑपरेशन बंद कर दिया है. आईटीबीपी के जवान माणा गांव में वापस अपने कैंप में लौट गए है.
- अब तक 32 मजदूरों को रेस्क्यू कर लिया गया है. अभी भी 25 मजदूर बर्फ में फंसे हुए हैं. कल सुबह (1 मार्च 2025) फिर से रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया जाएगा. बर्फबारी सुबह 4 बजे शुरू हुई थी, जबकि हिमस्खलन सुबह 5 बजे हुआ.
- केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने उत्तराखंड के मुख्यमंत्री से बात की और ग्लेशियर फटने की घटना के बाद फंसे लोगों का हाल जाना. उन्होंने कहा कि सरकार की प्राथमिकता उन सभी लोगों को सुरक्षित बाहर निकालना है जो पहुंच से बाहर हैं. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि सभी उपलब्ध संसाधनों का उपयोग करके फंसे हुए मजदूरों को बचाने के लिए हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं.
- हिमस्खलन के कारण बर्फ में दबे श्रमिकों में झारखंड के भी मजदूर हैं. झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि बीआरओ, भारत तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) और अन्य राहत बचाव अभियान चलाया जा रहा है.
- भारतीय सेना की ओर से बताया गया है कि रेस्क्यू ऑपरेशन के लिए भारतीय सेना की IBEX ब्रिगेड को मैदान में उतारा गया है. IBEX ब्रिगेड एक मात्र स्वतंत्र माउंटेन ब्रिगेड है. यह ब्रिगेड पर्वतीय क्षेत्रों में ऑपरेशन चलाने के लिए विशेष तौर पर ट्रेंड होती है.
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