Uttarakhand के सीएम धामी बोले, 'राज्य में सड़क से लेकर स्वास्थ्य व्यवस्था तक BJP ने किया है बेहतरीन काम, महिलाओं के वोट पर है भरोसा'
Uttarakhand CM Interview: खटीमा मेरी कार्यभूमि है. मेरा जन्म और पालन-पोषण खटीमा में हुआ है और मैंने यहीं से सब कुछ सीखा है. यहां के लोगों ने मुझे मेरी प्रगति में आशीर्वाद दिया ह.
Uttarakhand CM Interview: उत्तराखंड में आज यानी 14 फरवरी को मतदान होने जा रहे हैं. आज के दिन राज्य की जनता अपने मताधिकार का इस्तेमाल कर अपना सरकार चुनेगी. इस बीच प्रदेश के वर्तमान मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी किन मुद्दों को लेकर जनता के बीच पहुंच रहे हैं इस पर ABP उनसे खास बातचीत की है.
उन्होंने कहा कि उनके कार्यकाल में राज्य में काफी विकास हुआ है. धामी ने कहा कि माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में उत्तराखंड में पिछले पांच सालो में चाहे सड़क का क्षेत्र हो, ऑल वेदर रोड हो, भारत माला रोड हो, या हमारा हवाई सेवा क्षेत्र हो हमने हर जरह काम किया है. उन्होंने कहा कि हमने चुनाव के दौरान जो वादे किए थे वो सब पूरे हुए हैं. चाहे हवाईअड्डा हो, हवाई सेवाओं की बात हो, या हमारा पंतनगर हवाई अड्डा को ग्रीन एयरपोर्ट बनाने की बात हो, हमने हर वादों को पूरा किया है और सभी पर तेज़ी से काम हुआ है. इसके साथ साथ उत्तराखंड में स्वास्थ्य के क्षेत्र में भी काफी काम हुआ है. हमारे कार्यकाल में ऋषिकेश में AIIMS की स्थापना हो गयी है उसका संचालन प्रारम्भ हो गया है.
सवाल- जब राज्य में इतना विकास हुआ है तो फिर यूनिफार्म सिविल कोर्ट को लान की क्या जरूरत पड़ रही है? यह क्या चुनावी मुद्दा है?
जवाब- धामी ने कहा कि उत्तराखंड की सांस्कृतिक-आध्यात्मिक विरासत की रक्षा के लिए भाजपा सरकार अपने शपथ ग्रहण के तुरंत बाद एक कमेटी गठित कर ‘यूनिफार्म सिविल कोड’ का ड्राफ्ट तैयार करेगी. उन्होंने कहा कि उत्तराखँड देवभूमि है, यह शांत और पुरे हिंदुस्तान को आवो हवा देने वाला प्रदेश है. यूनिफार्म सिविल कोर्ट नागरिकों के लिए समान कानून बनेगा, चाहे वे किसी भी धर्म में विश्वास रखते हों. पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि नई सरकार के संगठन होते ही सबसे पहले हम प्रभुजनों की, विशेष्जनों की हितधारकों की एक समिति बनाएंगे वो समिति इसको ड्राफ्ट करेगी और ड्राफ्ट के बाद हम इसको लागू करेंगे.
सवाल- महिलाओ ने पिछली बार आपकी सरकार के लिए करीब 70 प्रतिशत से ज़्यादा वोट किया था, इस बार कैसे देखते है इन वोटर्स को ?
जवाब- जब से मैंने प्रदेश के मुख्य सेवक के रूप में काम करना शुरू किया है तब से ही महिलाओं की ताकत देख रहा हूं. उनकी भागीदारी चुनाव में भी देखने को मिली थी और मुझे विश्वास है कि इन्हीं मात्र शक्ति के कारण हम इस बार पहले से ज्यादा वोटों के साथ सरकार बनाने में कामयाब होंगे.
सवाल- कांग्रेस का कहना है कि BJP को अपने नेतृत्व पर भरोसा नहीं है इस लिए बार बार बीजेपी मुख्यमंत्री बदलती रहती है
जवाब- हमारे यहां गाड़ी एक थी लेकिन उसके ड्राइवरक बदल गए और इस बार गाड़ी की स्टीयरिंग सीट पर मैं बैठा हूं, लेकिन कांग्रेस मुझे ये बताए की उनकी ड्राइविंग सीट पर कौन बैठा है. उनके पास खुद कोई नेतृत्व करने वाला चेहरा नहीं. हरीश रावत जी का कांग्रेस में क्या हालत हो गया था ये किसी से छिपा नहीं हौ. मैं तो व्यक्तिगत रूप से भी उनका सम्मान करता हूं लेकिन मुझे उनकी कांग्रेस में स्थिति देख कर बहुत अचरज होता है की उनके साथ किस प्रकार का व्यव्हार किया है. कभी रामनगर में उनको टिकट दिया जाता है फिर वापस ले लिया जाता है फिर दूसरी जगह भेज दिया जाता है.
सवाल- कांग्रेस कहती हैं उत्तराखंड में नेतृत्व मजबूत नहीं है इसलिए बार-बार डबल इंजन की सरकार कर के केंद्र में ठेल देते है
जवाब- राज्य में इस डबल इंजन की सरकार ने ही काम किया है. इससे पहले तो डबल ब्रेक की सरकार थी. पहला ब्रेट साल 2014 में हटा जब मनमोहन सिंह की जगर पीएम मोदी ने ली और दूसरा ब्रेक 2017 में हटा जब उत्तराखंड में भाजपा की सरकार आई. डबल इंजन का ही काम की ऑल वेदर रोड बानी है, हवाई सेवाओं में काम हुआ है, रेल सेवा में काम हुआ, स्वास्थ्य सेवाओं में काम हुआ है, कोरोना महामारी में इस्टैब्लिशमेंट के तमाम काम हुए है.
सवाल- विपक्ष कह रहा है की सड़को का जाल सिर्फ हाईवे के नामो पर बना है, गलियों और गांव में सड़को की हालत इतनी ख़राब है की गड्ढे में सड़क है या सड़क में गड्ढे यह खोजनी पड़ रही है
जवाब- विपक्ष मुद्दा विहीन है. पहले हाईवे और बड़ी बड़ी सड़के बनती है उसकी बाद छोटी सडको का नंबर आता है. हम छोटी सड़के भी बनाएंगे.
सवाल- इस चुनाव में आपके सामने आम आदमी पार्टी) भी खड़ी है इसे आप कहां देखते हैं?
जवाब- AAP (आम आदमी पार्टी) का एजेंडा चुनाव तक सीमित है. चुनाव के बाद उनका कोई एजेंडा नहीं है और उत्तराखंड में वे पर्यटक के रूप में आए हैं और पर्यटकों के रूप में चले जाएंगे.
सवाल- खटीमा से चुनाव लड़ने का फैसला आपका था लेकिन ऐसा माना जाता है कि उत्तराखंड के सीएम अपनी सीट बचाने में कभी ज्यादा सफल नहीं होते हैं. आप इस चुनौती को कैसे देखते हैं?
जवाब- यह कोई चुनौती नहीं है. खटीमा मेरी कार्यभूमि है. मेरा जन्म और पालन-पोषण खटीमा में हुआ है और मैंने यहीं से सब कुछ सीखा है. यहां के लोगों ने मुझे मेरी प्रगति में आशीर्वाद दिया है. मैंने कभी अपनी सीट नहीं बदली है. मैंने कभी सीट बदलने के बारे में नहीं सोचा. यह सच है कि मुझे अलग-अलग जगहों से ढेर सारे ऑफर मिले. लेकिन इसके बावजूद, यह मेरा अपना निर्णय था और इसे मेरी पार्टी का समर्थन प्राप्त था. मैंने फिर से खटीमा से चुनाव लड़ने का मन बना लिया क्योंकि मैं यहां की हर गली को जानता हूं. मैं इस गांव और इसके लोगों को जानता हूं. मैं यहां की समस्याएं जानता हूं. मुझे इस जगह से जोड़ा गया है. खटीमा तो मेरे दिल में रही है, मैं कहीं भी हो, खटीमा से कभी दूर नहीं हो सकता इसलिए मैंने खटीमा को चुना है.
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