उत्तराखंड में पिछले 6 महीनों में जंगलों में आग की 1000 घटनाएं सामने आई हैं. वहीं इनमें से 45 घटनाएं रविवार को सामने आईं. यहां पिछले 24 घंटों में जंगल में आग लगने की वजह से 4 लोगों और 7 जानवरों की मौत हो गई. इस दौरान राज्य के 62 हेक्टेयर इलाके के जंगल आग में स्वाहा हो गए. वहीं जंगल में आग की घटनाओं को देखते हुए मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने एक इमरजेंसी बैठक भी बुलाई. केंद्र सरकार द्वारा भी जंगल में लगी आग को बुझाने के लिए हेलिकॉप्टर मुहैया कराए गए हैं और एनडीआरएफ की टीम भी मौके पर पहुंची हैं.
केंद्र सरकार ने एनडीआरएफ की टीमें और हेलिकॉप्टर भेजे
वहीं इस संबंध में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने ट्विटर पर एक पोस्ट कर कहा कि, “ उत्तराखंड के जंगलों में आग के बारे में मैंने प्रदेश के मुख्यमंत्री से बात करके जानकारी ली है. आग पर काबू पाने और जानमाल के नुकसान को रोकने के लिए केंद्र सरकार ने फौरन एनडीआरएफ की टीमें और हेलिकॉप्टर उत्तराखंड सरकार को उपलब्ध कराने के निर्देश दे दिए हैं.”
राज्य में 964 जगहों पर लगी हुई है आग
उत्तराखंड के मंत्री हरक सिंह रावत ने मामले की जानकारी देते हुए बताया कि राज्य में 964 जगहों पर आग लगी हुई है. जिसमें कुल सात जानवर को चार लोगों की मौत हुई है. दो लोग झुलस गए हैं. मौसम ने इस स्थिति को और ज्यादा चुनौतीपूर्ण बना दिया है. मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत और मैं इस बर नजर बनाए हुए हैं. हम हेलीकप्टर से आग बुझाने की कोशिश करेंगे.”
स्थिति पर काबू पाने के लिए 12,000 से अधिक वन कर्मी तैनात
वहीं मुख्यमंत्री रावत ने आपात बैठक में वन अधिकारियों और जिला अधिकारियों को निर्देश दिया कि जब तक स्थिति को नियंत्रण में नहीं लाया जाता, तब तक वे अपने कर्मचारियों को नियमित अवकाश न दें. मुख्यमंत्री कार्यालय (सीएमओ) के अनुसार, फायर फाइटिंग ऑपरेशन के लिए 12,000 से अधिक वन कर्मियों को तैनात किया गया है. वन विभाग के आंकड़े बताते हैं कि 1 अक्टूबर, 2020 के बाद से 1,359 हेक्टेयर में जंगल की आग की 1,028 घटनाएं हुई हैं. ये घटनाएं मुख्य रूप से नैनीताल, अल्मोड़ा, टिहरी गढ़वाल और पौड़ी गढ़वाल जिलों में देखने को मिली हैं. इन घटनाओं में 4 लोगों और सात पशुओं की मौत हुई है.
मई में आएगा पीक टाइम
वहीं इंडियन एक्सप्रेस में छपी रिपोर्ट के मुताबिक, एक वरिष्ठ अधिकारी ने स्थिति को "खतरनाक" बताया क्योंकि जंगल की आग के लिए "पीक समय" अभी आने वाला है. ये पीक टाइम मई का तीसरा सप्ताह होगा जब तापमान सबसे अधिक होता है. लेकिन इस साल, यह अप्रैल के पहले सप्ताह से शुरू हो गया है. मौसम विभाग ने 6 और 7 अप्रैल को बारिश की भविष्यवाणी की है. इससे थोड़ी राहत मिल सकती है. लेकिन आगे के सूखे स्पेल से स्थिति और खराब हो जाएगी। '
वन सेना प्रमुख (HoFF), उत्तराखंड राजीव भटारी, ने कहा कि, “ वातावरण में सूखापन, उच्च तापमान और हवा के वेग के कारण स्थिति चिंताजनक है. राज्य में कई जगह आग लगी हैं. हमने फायर प्रोटेक्शन लेवल को उच्चतम स्तर पर अपग्रेड किया है. अधिकारियों को मुख्यालय पर कैंप करने के लिए कहा गया है और वरिष्ठ अधिकारियों को स्थिति की निगरानी और समीक्षा करने के लिए जिलों में तैनात किया गया है. ”
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