उत्तराखंड त्रासदी: टूट रही है अपनों को पाने की आस, 9वें दिन तक 56 शव बरामद, अभी भी 149 लोग लापता
विशेषज्ञ डॉक्टरों और डीएनए एक्सपर्ट्स की मदद से सभी 56 मृतकों के डीएनए सैंपल लिए जा चुके हैं. वहीं पोस्टमार्टम की कार्रवाई भी की गई है.राजस्व विभाग समीक्षा के दौरान बताया गया कि प्रभावित परिवारों को गृह अनुदान सहायता राशि वितरण कार्य किया जा रहा है.
चमोली: उत्तराखंड के चमोली जिले में आई त्रासदी का आज 9वां दिन है. आपदा के बाद लापता हुए लोगों के परिवारवालों की आस अब टूटती नज़र आ रही है. आपदा के बाद अब तक सिर्फ 56 शव ही बरामद हुए हैं. इनमें से 30 लोगों की पहचान हो चुकी है. कल भी पांच शव मिले थे, जिनमें तीन शव तपोवन की सुरंग में मिले. आईटीबीपी और सेना की मदद से तलाशी और रेस्क्यू ऑपरेशन लगातार चल रहा है. हालांकि अभी भी 149 लोग लापता हैं.
युद्ध स्तर पर जारी रहेगा रेस्क्यू ऑपरेशन
विशेषज्ञ डॉक्टरों और डीएनए एक्सपर्ट्स की मदद से सभी 56 मृतकों के डीएनए सैंपल लिए जा चुके हैं. वहीं पोस्टमार्टम की कार्रवाई भी की गई है. गढ़वाल मंडल आयुक्त रविनाथ रमन के मुताबिक तपोवन क्षेत्र में रेस्क्यू ऑपरेशन की समीक्षा के दौरान एसडीआरएफ, एनडीआरएफ, एनटीपीसी, आर्मी, पुलिस और जिला प्रशासन को आवश्यक दिशा निर्देश दिए गए हैं. उन्होंने तपोवन में बैराज साइट, इंटेक्ट एडिट टनल पर उपकरण के सहयोग से मलवा रिमूवल कार्य और रेस्क्यू ऑपरेशन को युद्ध स्तर पर जारी रखने के निर्देश दिए गए हैं.
राजस्व विभाग समीक्षा के दौरान बताया गया कि प्रभावित परिवारों को गृह अनुदान सहायता राशि वितरण कार्य किया जा रहा है. स्वास्थ्य विभाग की समीक्षा के दौरान बताया गया कि सात चिकित्सक दलों के माध्यम से सोमवार तक 1295 लोगों का स्वास्थ्य परीक्षण किया गया है, जबकि प्रभावित क्षेत्र के रिंगी, रेगड़ी, सुराई योथ और रैणी चकलाता में स्वास्थ्य शिविर लगाए गए हैं.
राहत और बचाव कार्य के लिए बैठकों का दौर जारी
बीआरओ के समीक्षा के दौरान रैणी में बेलीब्रीज निर्माण कार्य में तेजी लाने के निर्देश दिए. इसके अलावा उन्होंने लोनिवि, जलसंस्थन, विद्युत, संचार कार्य प्रगति की जानकारी लेते हुए संबंधित अधिकारी को आवश्यक दिशा निर्देश दिए. गढ़वाल मंडल आयुक्त रविनाथ रमन ने आईआरएस कैंप कार्यालय में आपदा प्रभावित क्षेत्रों में राहत और बचाव कार्य को लेकर जिला मजिस्ट्रेट स्वाति एस भदौरिया और संबंधित अधिकारी के साथ समीक्षा बैठक की.
रैणी क्षेत्र में रेस्क्यू ऑपरेशन की जानकारी लेते हुए, आईटीबीपी, एनडीआरएफ और जिला प्रशासन के टीम को युद्ध स्तर पर रेस्क्यू कार्य में तेजी लाने के निर्देश दिए गए हैं. आवश्यकता पड़ने पर मशीनों की संख्या बढ़ाने को कहा गया है.
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