Supreme Court Hearing On Uttrakhand Fire: उत्तराखंड के जंगलों में लगी आग पर सुप्रीम कोर्ट आज (15 मई) सुनवाई करेगा. याचिकाकर्ता ने कहा है कि हर साल ऐसी स्थिति बनने के बावजूद राज्य सरकार गंभीर कदम नहीं उठा रही है. पिछले सप्ताह कोर्ट ने मामले पर चिंता जताते हुए कहा था कि वह याचिकाकर्ता और राज्य सरकार के अलावा पर्यावरण मामलों के लिए गठित सेंट्रल एम्पावर्ड कमिटी (CEC) को भी सुनेगा.
सुप्रीम कोर्ट ने इससे पहले हुए सुनवाई में प्रदेश सरकार से कहा था कि बारिश या क्लाउड सीडिंग के भरोसे नहीं बैठा जा सकता है. इसके रोकथाम के लिए जल्द ही उपाय किए जाने चाहिए.
398 आग लगने की घटनाएं
उत्तराखंड सरकार ने जस्टिस बीआर गवई की अगुवाई वाली बेंच को बताया कि पिछले साल जंगलों में आग लगने की 398 घटनाएं सामने आई थी. हर बार किसी इंसान द्वारा ही आग लगाई गई है. जंगल में आग लगने संबंधित मामलों में राज्य सरकार ने कुल 350 क्रिमिनल केस दर्ज किए गए हैं और इनमें से 62 लोगों के खिैलाफ केस दर्ज कराए गए हैं.
0.1 हिस्सा ही आग की चपेट में
राज्य सरकार के वकील उपमहाधिवक्ता जतिंदर कुमार सेठी ने अदालत के सामने बताया था कि उत्तराखंड के जंगलों का सिर्फ 0.1 प्रतिशत हिस्सा ही आग की चपेट में आया है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक बीते माह अप्रैल के पहले सप्ताह में 11 विभिन्न जगहों पर आग लगने की घटना सामने आई थी. जंगलों में लगी आग के कारण 5 लोगों की झुलसने से मौत भी हो गई थी. इन हादसों में चार लोग भी गंभीर रूप से घायल हुए थे. जंगलों में लगने वाली आग से उत्तराखंड की 1316 हेक्टेयर जमीन जल चुकी हैं.
15 मई को होगी सुनवाई
सुप्रीम कोर्ट द्वारा उत्तराखंड सरकार की ओर से पेश की गई रिपोर्ट को पढ़ने के बाद ये टिप्पणी की गई कि इस मामले में इंद्र देवता पर निर्भर रहना या फिर क्लाउड सीडिंग पर निर्भर रहना कोई समाधान नहीं है. इसके लिए राज्य सरकार को उपाय निकालने होंगे. इस मसले की सुनवाई आज (15 मई) को होगी.
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