Uttarakhand Glacier Disaster LIVE Updates: दोपहर तक तपोवन टनल खुलने की उम्मीद, युद्धस्तर पर बचाव कार्य जारी

Uttarakhand Glacier Collapse LIVE Updates: उत्तराखंड के चमोली में ग्लेशियर टूटने से मची तबाही में अबतक 36 लोगों की मौत हो गई है. तबाही के बाद से करीब 170 लोग लापता हैं. चमोली जिले में दो दिनों से दिन रात राहत और बचाव के काम चल रहा है. आईटीबीपी, एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीम लगातार बचाव काम में लगी हुई हैं. तपोवन की टनल में अब भी करीब 35 लोगों के फंसे होने की आशंका है. मुख्यमंत्री से लेकर केंद्र सरकार में मंत्रियों का भी मौके पर पहुंचने का सिलसिला लगातार जारी है. उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत जोशीमठ पहुंच गए हैं. तबाही से जुड़ी पल-पल की अपडेट के लिए बने रहिए एबीपी न्यूज़ के साथ.

एबीपी न्यूज़ Last Updated: 09 Feb 2021 02:16 PM
राज्यसभा के सदस्यों ने उत्तराखंड में ग्लेशियर टूटने से जान गंवाने वाले लोगों को श्रद्धांजलि दी. इस दौरान राज्यसभा में गृह मंत्री अमित शाह ने बताया कि टनल में फंसे लोगों को बाहर निकालने के लिए रातभर के अथक प्रयास के बाद सेना ने टनल के मुंह पर पड़े मलबे को साफ कर लिया है, हमारे लोग काफी अंदर तक गए हैं.
उत्तराखंड के DGP अशोक कुमार ने बताया है कि 197 लोग लापता हैं हमारे पास 192 लापता लोगों के नामों की लिस्ट आई है, उनमें से 30 शव मिल चुके हैं. बचे हुए लोगों के लिए सर्च अभियान जारी है.
केंद्रीय मंत्री आर.के. सिंह ने बताया है कि एनटीपीसी परियोजना के 93 श्रमिक अभी लापता हैं. हमें लगता है वे बचे नहीं हैं. 49 लोग अभी भी सुरंग में फंसे हुए हैं. हमारी परियोजनाएं जहां हैं हर जगह अर्ली वार्निंग सिस्टम लगाएंगे. मारे गए श्रमिकों के परिवार को 20-20 लाख रुपये देने को कहा गया है.
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने बताया है कि टनल में क़रीब 35 श्रमिक फंसे हैं, उनके लिए ड्रिल करके टनल में रस्सी लगाने की कोशिश की जा रही है. इसकी सफलता में अभी थोड़ा समय लगेगा लेकिन इसके लिए प्रयास किए जा रहे हैं. प्रधानमंत्री का सुबह फोन आया था, प्रधानमंत्री लगातार यहां का अपडेट ले रहे हैं.
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा है कि यहां राशन का कोई अभाव नहीं है, डॉक्टरों की टीम काम कर रही है. रैणी गांव में दो लोगों के घर आपदा में ध्वस्त हुए हैं मैंने ज़िलाधिकारी से कहा है कि उन लोगों के घर बनाए जा सकते हैं.
उत्तर प्रदेश सरकार के कैबिनेट मंत्री सुरेश राणा, आयुष मंत्री धर्म सिंह सैनी और बाढ़ राहत राज्यमंत्री विजय कश्यप आज उत्तराखंड में हादसे वाली जगह का दौरा करेंगे.
उत्तराखंड में तपोवन टनल में फंसे लोगों को बाहर निकालने के लिए राहत और बचाव अभियान अ​भी चल रहा है. सीएम रावत ने बताया है कि ये रणनीति बनी है कि वहां(टनल) दो मशीनों से काम लिया जा सकता है ताकि ​जल्दी लोगों को रेस्क्यू किया जा सके. टनल के अंदर 30-35 लोगों के फंसे होने की संभावना है, उन तक पहुंचने का प्रयास किया जा रहा है.
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत जोशीमठ में आईटीबीपी अस्पताल में जाकर रेस्क्यू किए गए लोगों से मिले और उनका हालचाल जाना. इस दौरान उन्होंने कहा, ''जिन 12 घायलों को रेस्क्यू किया गया है वो ITBP के इस अस्पताल में भर्ती हैं, सभी ठीक हैं. शरीर में काफी दर्द है, डॉक्टरों का कहना है कि ये धीरे-धीरे ठीक हो जाएगा. जो 360 परिवार पुल के ढहने से ज़िले से कट गए हैं मैं उनसे संपर्क करने जा रहा हूं.''

ग्लेशियर टूटने से मची तबाही में अबतक 36 लोगों की मौत हो गई है. वहीं अभी भी करीब 170 से ज्यादा लोग लापता हैं. बड़ी बात यह है कि तपोवन की साढ़े तीन किलोमीटर लंबी सुरंग में अभी भी करीब 35 लोग फंसे हैं. इन लोगों को निकालने के लिए ऑपरेशन दिन रात चल रहा है.

अवनीश अवस्थी ने बताया कि इसके साथ ही सीएम ने हरिद्वार में एक कंट्रोल रूम बनाने के लिए कहा है. सीएम ने निर्देश दिया कि जो घायल हैं उनके इलाज के लिए जो संभव सहायता हो वो यूपी सरकार की ओर से दिया जाए. यूपी के लोग जो वहां मृतक होंगे उन्हें सीएम कोष से दो लाख रुपए देने का निर्देश दिया गया है.
उत्तर प्रदेश के अपर मुख्य सचिव अवनीश अवस्थी ने बताया है कि कल शाम सीएम योगी आदित्यनाथ ने बैठक में आपदा में हमें हर संभव सहायता देने का निर्देश दिया. राजस्व विभाग का जो कंट्रोल रूम स्थापित है, इसका एक टोल फ्री नं.1070 और इसका व्हाट्सएप नं. 9454441036 है. कोई भी परिवार जिनके सदस्य वहां काम कर रहे थे यदि वो लापता हैं तो वे इस नंबर पर सूचना दे सकते हैं.
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने तपोवन में राहत और बचाव कार्यों पर आईटीबीपी, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, उत्तराखंड पुलिस और जोशीमठ के अन्य एजेंसियों के साथ कल शाम बैठक की. बैठक के बाद उन्होंने कहा कि यहां आर्मी, एसडीआरएफ, एनडीआरएफ, आईटीबीपी की टीमें बेहतर तालमेल के साथ बचाव अभियान कर रही है. मैं उनसे संतुष्ट हूं. अब तक 24 शव बरामद हुए हैं. बचाव अभियान तब तक चलेगा जब तक हम आखिरी छोर तक नहीं पहुंच जाते.
प्राकृतिक आपदा में अभी तक 24 लोगों के शव अलग-अलग स्थानों से बरामद किये गए हैं. उत्तराखंड पुलिस ने इस बात की जानकारी दी है.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा और गृह मंत्री अमित शाह ने उत्तराखंड के सांसदों के साथ बातचीत की. उत्तराखंड में ग्लेशियर फटने की घटना को लेकर किए जा रहे राहत कार्यों और आगे लिए जाने वाले एक्शन पर चर्चा की.

झारखंड सरकार ने झारखंड के लोगों के लिए एक हेल्पलाइन नंबर जारी किया जो चमोली (उत्तराखंड) में फंसे हुए हैं. इसमें कंट्रोल रूम नंबर और व्हाट्सएप नंबर भी जारी किया गया है.

तपोवन में जिस टनल में रेस्क्यू ऑपरेशन चल रहा है उसकी कुल लंबाई 2.5 किलोमीटर है, लेकिन 180 मीटर बाद उसमें एक बेंड है. राहतकर्मियों को उम्मीद है कि इस बेंड के बाद ज्यादा मलबा अंदर नहीं होगा. फिलहाल 100 मीटर मलबा निकाल लिया गया है. बाकी शाम तक निकलने की उम्मीद है. उसके बाद तस्वीर साफ होगी.

उत्तराखंड पुलिस ने ट्वीट करके जानकारी दी है कि कल के हादसे में अभी तक लगभग 202 लोगों के लापता होने की सूचना है, वहीं 19 के लोगों के शव अलग-अलग स्थानों से बरामद किए गए हैं. शोक और दुःख की इस घड़ी में प्रशासन आपके साथ है, कृपया सहयोग बनाए रखें. राहत-बचाव कार्य त्वरित रूप से जारी है.
उत्तराखंड के एडीजी मनोज रावत ने कहा है कि ग्लेशियर टूटने से हुए नुकसान को हम अब कम करने का प्रयास कर रहे हैं. बहुत सारे लोग इसमें लापता हुए हैं. NTPC डैम में काम कर रहे लोग लापता हुए हैं और डैम को भारी नुकसान हुआ है. उत्तराखंड के डीजीपी अशोक कुमार ने कहा है कि अब तक हमने 18 शव बरामद किए हैं और लापता लोगों की संख्या 202 है. हमने टनल में 80 मीटर तक मलबा हटा दिया है, आगे हमारी मशीनें लगी हुई हैं और हमें शाम तक कुछ सफलता मिलने की उम्मीद है.
चमोली ज़िले के तपोवन में टनल में राहत और बचाव कार्य अभी चल रहा है। आईटीबीपी के जवान बचाव कार्य में स्निफर डॉग की मदद ले रहे हैं.
उत्तराखंड त्रासदी पर RJD नेता मनोज झा ने कहा है कि जिन परिवारों ने अपनों को खोया हैं ईश्वर उन्हें शक्ति दे. यह आवश्यक है कि हम अपने विकास के मूल्यों और प्रतिमानों पर विचार करें. प्रकृति का शोषण आप कहां तक कर सकते हैं उसकी एक सीमा होनी चाहिए. इस तरह की चीजें दोबारा न हो उस पर विचार करना चाहिए.
उत्तराखंड के डीजीपी अशोक कुमार ने बताया है कि अब तक हमने 18 शव बरामद किए हैं और लापता लोगों की संख्या 202 है. हमने टनल में 80 मीटर तक मलबा हटा दिया है, आगे हमारी मशीनें लगी हुई हैं और हमें शाम तक कुछ सफलता मिलने की उम्मीद है.
चमोली में तबाही को लेकर कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने ट्वीट किया है. उन्होंने लिखा है, ''पूरा देश उत्तराखंड के साथ है. इस समय सबसे ज़रूरी है कि आने वाले कुछ दिन राहत कार्य में कोई बाधा ना आए. मैं पूरे दिल से प्रभावितों के साथ हूँ और आपकी सुरक्षा की कामना करता हूं.''
चमोली की ज़िलाधिकारी स्वाति भदौरिया ने कहा है, ‘’पुल टूटने से जो 13 गांव अलग हो गए हैं, उनके लिए बचाव कार्य शुरू कर दिया गया है और उन्हें राहत सामग्री पहुंचाई जा रही है. हमारी मेडिकल टीमें भी पहुंच गई हैं. जो लोग अलग-अलग पहाड़ों पर फंसे हुए हैं उनके लिए भी बचाव कार्य चल रहा है.’’

उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने बताया है कि तपोवन प्रोजेक्ट का काम चल रहा था, इसमें बड़ी संख्या में श्रमिक काम कर रहे थे. अब तक 11 शव बरामद हुए हैं और 203 लोग लापता हैं. मैंने अपने मुख्य सचिव को बोला है कि यहां मौजूद ISRO के वैज्ञानिकों की मदद से ग्लेशियर टूटने के कारणों को ढूंढा जाए ताकि भविष्य में हम एहतियात बरत सके.
ITBP देहरादून की सेक्टर हेडक्वार्टर की डीआईजी अपर्णा कुमार ने बताया है कि बड़ी टनल को 70-80 मीटर खोला गया है, जेसीबी से मलबा निकाल रहे हैं. यहां कल से 30-40 कर्मी फंसे हुए हैं. आईटीबीपी, उत्तराखंड पुलिस, एसडीआरएफ, एनडीआरएफ और सेना यहां संयुक्त ऑपरेशन कर रही है. क़रीब 153 लोग लापता हैं.
राज्यसभा के सभापति वेंकैया नायडू ने सदन में कहा है कि उत्तराखंड की आपदा पर मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत से बात की है. वेंकैया नायडू ने कहा कि अभी तक टनल में लोग फंसे हैं. आज उत्तराखंड की आपदा पर गृहमंत्री अमित शाह
राज्यसभा में बोल सकते हैं.
भारतीय वायु सेना ने बताया है कि देहरादून से जोशीमठ के लिए एमआई-17 और ALH हेलीकॉप्टर के उड़ान भरने के साथ हवाई राहत और बचाव अभियान फिर से शुरू हो गया है.



उत्तराखंड के डीजीपी अशोक कुमार ने बताया है कि ग्लेशियर टूटने से रैणी पावर प्रोजेक्ट पूरा बह गया और तपोवन भी क्षतिग्रस्त हुआ है. पहले प्रोजेक्ट से 32 लोग लापता हैं और दूसरे प्रोजेक्ट से 121 लोग लापता हैं. इनमें से 10 शव बरामद हो गए हैं. तपोवन प्रोजेक्ट में दो टनल थीं, छोटी टनल से कल 12 लोगों को बचाया गया है. बड़ी टनल को खोलने की कोशिश की जा रही हैं. टनल का मलबा बाहर निकाला जा रहा है, इस काम में सेना की टीम लगी हुई हैं. मुझे उम्मीद है कि टनल शाम तक खुल जाएगी.
चमोली पुलिस ने ट्वीट करके जानकारी दी है कि टनल में फंसे लोगों के लिए राहत और बचाव कार्य जारी है. जेसीबी की मदद से टनल के अंदर पहुंच कर रास्ता खोलने का प्रयास किया जा रहा है. अब तक कुल 15 व्यक्तियों को रेस्क्यू किया गया है और 14 शव अलग-अलग स्थानों से बरामद किये गये हैं.


तपोवन की दूसरी सुरंग में जारी राहत और बचाव कार्य जारी है. इस टनल में 30 लोगों के फंसे होने की आशंका है. आईटीबीपी के प्रवक्ता विवेक कुमार पांडे ने बताया है कि हमारी टीम अलग अलग जगह काम कर रही हैं. हम जो लोग टनल मे फंसे हैं, उनको निकालने का काम कर रहे हैं. साथ ही हमने दूसरी टनल के लिए भी सर्च ऑपरेशन तेज़ कर दिया है. वहां क़रीब 30 लोगों के फंसे होने की सूचना है. आईटीबीपी के 300 जवान टनल को क्लियर करने में लगे हैं, जिससे लोगों को निकाला जा सके. स्थानीय प्रशासन के मुताबिक 170 लोग इस आपदा में लापता हैं.
लखीमपुर के लगभग 60 मजदूरों के लापता होने की आशंका है. घटना के बाद से ज़्यादातर परिवारों का अपनों से सम्पर्क नहीं हो रहा है. तपोवन में त्रासदी से कई लोगों के लापता होने की आशंका है. बताया जा रहा है कि लापता मजदूर पॉवर प्रोजेक्ट पर काम करने गए थे. ज़्यादातर मजदूर। लखीमपुर की निघासन तहसील क्षेत्र के रहने वाले हैं.

बैकग्राउंड

Uttarakhand Glacier Disaster LIVE Updates: उत्तराखंड के चमोली में ग्लेशियर टूटने से मची तबाही में अबतक 36 लोगों की मौत हो गई है. तबाही के बाद से करीब 170 लोग लापता हैं. चमोली जिले में दो दिनों से दिन रात राहत और बचाव के काम चल रहा है. आईटीबीपी, एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीम लगातार बचाव काम में लगी हुई हैं. तपोवन की टनल में अब भी करीब 35 लोगों के फंसे होने की आशंका है. मुख्यमंत्री से लेकर केंद्र सरकार में मंत्रियों का भी मौके पर पहुंचने का सिलसिला लगातार जारी है. उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत जोशीमठ पहुंच गए हैं. तबाही से जुड़ी पल-पल की अपडेट के लिए बने रहिए एबीपी न्यूज़ के साथ.


टनल में सबसे बड़ा रेस्क्यू मिशन


प्रोजेक्ट में काम कर रहे मजदूर इस सुरंग में फंस गए, क्योंकि सैलाब के साथ आए मलबे ने सुरंग का मुंह बंद कर दिया. इसके बाद से ही युद्धस्तर पर सुरंग में फंसे मजदूरों को बचाने का काम चल रहा है. वैसे एनडीआरएफ, सेना और एसडीआरएफ के ज्वाइंट ऑपरेशन से उम्मीद की किरण कल सुबह तब दिखनी शुरू हुई, जब एसडीआरएफ के जवानों ने नक्शे पर सुरंग का जायजा लिया और हर गुजरते घंटे के साथ बचाव दल मलबे के आखिर तक पहुंचने की कोशिश में लग गया.


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