उत्तराखंड त्रासदी में मरने वालों की संख्या बढ़कर 26 हुई, 197 लोग अभी भी लापता, रेस्क्यू ऑपरेशन जारी
हादसे के बाद से अभी तक रेसक्यू ऑपरेशन जारी है. इस घटना में करीब 2000 करोड़ रुपये का नुकसना हुआ है. तपोवन-विष्णुगाड विद्युत परियोजना को सबसे ज्यादा नुकसान हुआ है.
नई दिल्ली: उत्तराखंड के चमौली जिले में ग्लेशियर फटने के बाद हुए हादसे में मरने वालों की संख्या बढ़कर 26 हो गई है. घटना के बाद मची तबाही में करीब 2000 करोड़ रुपये के नुकसान का अनुमान है. राज्य के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने ये बात कही. रेस्क्यू ऑपरेशन अभी भी जारी है. उत्तराखंड डिजास्टर मैनेजमेंट सेंटर के मुताबिक 197 लोग लापता हैं.
त्रिवेंद्र सिंह रावत ने जोशीमठ का दौरा किया. उन्होंने कहा कि एनडीआरएफ, आर्मी और एसडीआरएफ का संयुक्त प्रयास चल रहा है. एनटीपीसी को डेढ़ हजार करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है. ऋषि गंगा प्रोजेक्ट 85 करोड़ का था. करीब 2000 करोड़ का नुकसान हुआ है.
इसके साथ ही उन्होंने सोमवार को तपोवन में आईजी, डीआईजी, डीएम, एसपी, आर्मी, आईटीबीपी, बीआरओ के वरिष्ठ अधिकारियों और एनटीपीसी के प्रोजेक्ट इंचार्ज अधिकारियों की बैठक में राहत एवं बचाव कार्यों की समीक्षा की. साथ ही डीएम को समय-समय पर मीडिया को ब्रीफिंग करने के निर्देश दिए ताकि भ्रामक और गलत खबरें न फैले.
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सोमवार को कहा कि प्रभावित लोगों की मदद के लिए केंद्र सरकार हर कदम उठा रही है. उत्तराखंड के बीजेपी सांसदों के एक प्रतिनिधिमंडल को उन्होंने आश्वस्त किया कि सरकार भविष्य में ऐसे प्राकृतिक हादसों की पुनरावृति को रोकने के लिए अधोसंरचना को और मजबूत करने की दिशा में काम कर रही है. बीजेपी सांसद अनिल बलूनी ने बताया कि प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि संकट की इस घड़ी में केंद्र सरकार प्रदेश की जनता के साथ है. प्रधानमंत्री से सांसदों की इस मुलाकात के दौरान केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और बीजेपी अध्यक्ष जे पी नड्डा भी मोजूद थे.
तपोवन में एक बड़ी सुरंग के भीतर फंसे लोगों को बचाने के लिए कई एजेंसियां जुटी हुई हैं. भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी), राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) और राज्य आपदा मोचन बल (एसडीआरफ)के कई दल रविवार रात से सुरंग से मलबा हटा रहे हैं और फंसे हुए श्रमिकों की तरफ बढ़ रहे हैं.
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