Joshimath Sinking: जोशीमठ के संपत्ति मालिकों को 5 हजार रु. महीना, भोजन के लिए रोजाना ₹450, राहत देने को उत्तराखंड सरकार ने लिए ये फैसले
Joshimath Sinking: जोशीमठ के आपदा-प्रभावित परिवारों की सहायता के लिए उत्तराखण्ड के सभी कैबिनेट मंत्री अपने एक माह का वेतन मुख्यमंत्री राहत कोष में देंगे. जानिए और क्या फैसले लिए गए हैं.
Joshimath News: तबाही के कगार पर खड़े जोशीमठ शहर (Joshimath) को खाली कराया जा रहा है. अब तक हजारों स्थानीय लोगों से उनका घर छिन चुका है. काफी परिवारों को अपने लिए रोजी-रोटी व सुरक्षित ठिकाने की तलाश है. इस बीच लोगों को राहत (Relief) प्रदान करने के लिए उत्तराखंड सरकार (Uttarakhand Govt) ने कई फैसले लिए हैं. सरकार ने शुक्रवार (13 जनवरी) को कहा कि 'डूबते' जोशीमठ में संपत्ति मालिकों को किराये के उद्देश्यों के लिए 5,000 रुपये मिलेंगे और उनका बिजली बिल छह महीने के लिए माफ कर दिया जाएगा.
जोशीमठ-वासियों के पुनर्वास के लिए भी उत्तराखंड सरकार ने कई राहत उपायों की घोषणा की. जोशीमठ में भू-धंसाव के मुद्दे पर मुख्यमंत्री की अगुवाई में हुई राज्य मंत्रिमंडल की बैठक के दौरान भूगर्भीय अध्ययन को मंजूरी भी दी गई. सरकार ने कहा कि स्थानीय लोगों के पुनर्वास के लिए पीपलकोटी, गौचर, ढाक, कोटिफार्म और सेलंग को चिन्हित किया गया है. राज्य सरकार की ओर से बताया गया कि आपदा प्रभावित परिवारों के लिए अंतरिम राहत को एक सप्ताह के भीतर अंतिम रूप दिया जाएगा और केंद्र सरकार को भेजा जाएगा. प्रत्येक विस्थापित परिवार के दो सदस्यों को प्रतिदिन मनरेगा योजनान्तर्गत राशि दी जाएगी.
कैबिनेट मंत्री डोनेट करेंगे एक महीने का वेतन
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में शुक्रवार को सचिवालय में मंत्रिमंडल की बैठक आयोजित की गई. जहां डूबते शहरवासियों की मदद के लिए जो फैसले लिए गए, उनमें एक फैसला यह भी लिया गया कि कैबिनेट मंत्री अपना एक महीने का वेतन मुख्यमंत्री राहत कोष में दान करेंगे.
स्थानीय लोगों को ₹1.5 लाख का आवंटन होगा
सरकार की ओर से कहा गया कि जोशीमठ के आपदा प्रभावित भू-भवन स्वामियों / व्यक्तियों को स्थायी अध्यासन / विस्थापन नीति निर्धारित होने से पहले अग्रिम धनराशि ₹1 लाख तथा सामान की ढुलाई एवं तात्कालिक आवश्यकताओं के लिए गैर समायोज्य धनराशि ₹50 हजार समेत कुल 1.5 लाख आवंटित किए जाएंगे. इसके लिए राज्य आकस्मिकता निधि से ₹45 करोड़ की धनराशि की व्यवस्था की गई है.
इन जगहों पर कराई जाएगी पुनर्वास व्यवस्था
जिला प्रशासन द्वारा चयनित भू-खण्डों (कोटी फार्म, पीपलकोटी, गोचर, ग्राम- गौख सेलंग, ग्राम- ढाक) के क्षेत्रीय सर्वेक्षण के उपरांत जोशीमठ के आपदा प्रभातियों के लघु कालिक पुर्नवास के लिए चयनित भू-खण्डों पर सर्वे करने और फिर प्री-फेब्रिकेटेड स्ट्रक्चर्स का निर्माण किए जाने की मंजूरी दे दी गई है. मंत्रिमण्डल द्वारा यह निर्देश भी दिए गए कि जोशीमठ के आपदा प्रभावित परिवारों / व्यक्तियों के बीच सर्वे कराते हुए भवन दिए जाने एवं पैकेज के रूप में धनराशि मुहैया कराने का निर्णय लिया जाएगा.
किराए के लिए लोगों को हर महीने मिलेंगे 5 हजार रुपये
आपदा प्रभावित ऐसे लोग, जो कि किराये के मकानों में रहे, उनको किराये के रूप में 6 महीने तक प्रतिमाह ₹5000 की धनराशि मुख्यमंत्री राहत कोष से दी जाएगी. साथ ही जिलाधिकारी, चमोली की रिपोर्ट के आधार पर यदि उक्त किराये में और वृद्धि किए जाने की आवश्यकता होती है, तो उस पर भी मुख्यमंत्री फैसला ले सकते हैं.
भोजन के लिए रोजाना 450 रुपये उपलब्ध कराए जाएंगे
प्रभावित परिवारों को तात्कालिक रूप से SDRF के मानकों के अनुसार, रहने के लिए लगभग 950 रुपये रोजाना, उपलब्ध कराए जाएंगे. इसके साथ राहत कैम्प की अवधि के दौरान व्यक्ति के लिए भोजन की व्यवस्था भी कराई जाएगी. इसके लिए प्रतिदिन 450 रुपये मिलेंगे. अधिकारी ने बताया कि यदि कोई व्यक्ति राहत कैम्प में भोजन करने का इच्छुक नहीं है, तो ऐसे व्यक्ति को ही भोजन के लिए प्रतिदिन 450 रुपये उपलब्ध कराए जाएंगे.
पशुओं की व्यवस्था के लिए मिलेगी इतनी मदद
सरकार की ओर से 15 हजार रुपये पशुओं के प्रतिस्थापन के लिए भी दिए जाएंगे. बड़े पशुओं के चारे के लिए रोजाना 80 रुपये तथा छोटे पशुओं के चारे के लिए रोजाना 80 रुपये सम्बन्धित व्यक्तियों को उपलब्ध कराए जाएंगे.
सरकार ने कहा कि ऐसे परिवार जिनकी आजीविका का साधन आपदा के कारण प्रभावित हुआ है, उनके परिवार के 2 वयस्क सदस्यों को मनरेगा के अन्तर्गत निर्धारित मजूदरी की दरों के अनुसार अनुग्राहिक राहत प्रदान की जाएगी.
कैबिनेट ने 4 अन्य फैसलों पर भी सहमति दी
- नवम्बर 2022 से आगामी 6 महीने तक के लिए जोशीमठ के आपदा प्रभावित परिवारों / व्यक्तियों के बिजली-पानी के विद्युत बिल माफ किए जाने का निर्णय लिया गया.
- जोशीमठ के आपदा प्रभावित व्यक्तियों के बैंक इत्यादि से लिए गये कर्ज की वसूली को एक साल के स्थगित किया जा सकता है.
- उत्तराखण्ड राज्य के सभी पर्वतीय शहरों की धारण क्षमता का अध्ययन किये जाने का निर्णय लिया गया है.
- जोशीमठ की आपदा से सम्बन्धित विभिन्न प्रस्तावों पर शीघ्रता से निर्णय लिये जाने के उद्देश्य से सीएम को अधिकृत किया गया.