(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
UCC Report: उत्तराखंड UCC रिपोर्ट कल होगी जारी, जनसंख्या नियंत्रण पर सामने आई बड़ी जानकारी
Uttarakhand UCC Report: उत्तराखंड में इसी साल मार्च में समान नागरिक संहिता (यूसीसी) को लागू कर दिया गया था. यूसीसी को विधानसभा से फरवरी में पास किया गया था.
UCC Report: उत्तराखंड की समान नागरिक संहिता (यूसीसी) रिपोर्ट को शुक्रवार (12 जुलाई) को सार्वजनिक कर दिया जाएगा. इसमें जनसंख्या नियंत्रण कानून को लेकर भी बात की गई है. यूसीसी रिपोर्ट में जनसंख्या नियंत्रण का जिक्र किया गया है, लेकिन इसे यूसीसी में शामिल नहीं किया गया है. इसी तरह से यूसीसी रिपोर्ट में गोद लेने के अधिकार का जिक्र है, जिसे कानून में शामिल नहीं किया गया है. रिपोर्ट के वॉल्यूम 1 और वॉल्यूम 3 को सार्वजनिक किया जाएगा.
एबीपी न्यूज को मिली जानकारी के मुताबिक, उत्तराखंड सरकार के जरिए यूसीसी रिपोर्ट के 400 पन्नों को सार्वजनिक किया जाने वाला है. यहां सबसे बड़ा सवाल जनसंख्या नियंत्रण को लेकर था, जिसका वैसे तो बहुत ज्यादा जिक्र किया गया. मगर जब यूसीसी को लागू किया गया तो उसमें इसका कोई जिक्र नहीं था. अब सरकार जब रिपोर्ट को सार्वजनिक करेगी तो इस बात की भी जानकारी सामने आएगी कि आखिर किन वजहों से जनसंख्या नियंत्रण को शामिल नहीं किया गया.
यूसीसी लागू करने वाला पहला राज्य है उत्तराखंड
उत्तराखंड सरकार ने 13 मार्च, 2024 को यूसीसी का नोटिफिकेशन जारी किया था. इसके साथ ही यूसीसी लागू करने वाला उत्तराखंड पहला राज्य बना. राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से मंजूरी मिलने के बाद यूसीसी को लागू कर दिया गया था. इसके साथ ही उत्तराखंड में शादी, तलाक, उत्तराधिकार और लिव-इन रिलेशनशिप को लेकर कानून पूरी तरह से बदल गए. उत्तराखंड विधानसभा से इसी साल फरवरी में समान नागरिकता संहिता को पास किया गया था.
नागरिकों को मिलेंगे अब समान अधिकार: सीएम पुष्कर सिंह धामी
यूसीसी लागू होने पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा था कि अब राज्य के सभी नागरिकों को समान अधिकार मिलेंगे. उन्होंने कहा था, "हम सभी प्रदेशवासियों के लिए यह अत्यंत हर्ष और गौरव का क्षण है कि हमारी सरकार द्वारा उत्तराखंड विधानसभा में पारित समान नागरिक संहिता विधेयक को आदरणीय राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु जी ने अपनी मंजूरी प्रदान की है."
उन्होंने कहा था, "निश्चित तौर पर प्रदेश में समान नागरिक संहिता कानून लागू होने से सभी नागरिकों को समान अधिकार मिलने के साथ ही महिलाओं पर हो रहे उत्पीड़न पर भी लगाम लगेगी. प्रदेश में सामाजिक समानता की सार्थकता को सिद्ध करते हुए समरसता को बढ़ावा देने में समान नागरिक संहिता अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा."
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